सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु होने पर अध्यापक की ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं रोका जा सकता: कोर्ट
उत्तरप्रदेश | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु होने पर विकल्प न भरने के कारण अध्यापक की ग्रेच्युटी के भुगतान से इनकार करने के डीआईओएस शामली के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने गुरुचरण केस के फैसले के आलोक में दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने मोहम्मद शाहिद की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याची के अधिवक्ता इरफान अहमद मलिक ने अपनी बहस में कहा कि याची की मां अमीना बेगम वीवी इंटर कॉलेज शामली में सहायक अध्यापिका थीं. वह 15 जुलाई 2009 को सेवानिवृत्त होने वाली थीं. उससे पहले 24 जनवरी 2004 को उनकी मृत्यु हो गई. याची ने डीआईओएस से ग्रेच्युटी की मांग की जिसे यह कहते हुए भुगतान करने से इनकार कर दिया गया कि याची की मां ने सेवानिवृत्ति 60 साल या 58 साल का विकल्प नहीं भरा था. कोर्ट ने कहा कि गुरु चरण केस में कोर्ट ने कहा है कि सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु होने पर अध्यापक की ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं रोका जा सकता.
बेल्हा में बेटे ने पिता को मार डाला
देररात शराब के नशे में निमंत्रण से लौटा बेटा भाई के घर से पिता को अपने साथ ले आया. घर पहुंचने पर उससे विवाद करने लगा. तभी कुल्हाड़ी व डंडे से प्रहार कर उसे लहूलुहान कर दिया. मेडिकल कॉलेज से उसे प्रयागराज रेफर किया गया लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया.
पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है. घटना अंतू थाना क्षेत्र के शुकुलपुर गांव की है. यहां के रहने वाले जगदम्बा प्रसाद शुक्ल (70) के तीन बेटों में दो संतोष व अरुण दिल्ली में नौकरी करते हैं. करीब 50 मीटर दूर दोनों ने अलग घर बनवाया है, जबकि मझला बेटा विनोद शुक्ल पुराने घर में रहता है. विनोद रात शराब के नशे में निमंत्रण से लौटा. वह भाइयों के घर पर मौजूद पिता को साथ ले आया. आरोप है कि बातचीत के दौरान वह शराब के नशे में था और उसने पिता पर डंडे व कुल्हाड़ी से प्रहार कर घायल कर दिया. आवाज सुनकर बड़े व छोटे बेटे की पत्नियों के साथ ही गांव के लोग भी पहुंचे.