कानपूर न्यूज़: उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर बढ़ रही है. पीएम मोदी का इंफ्रास्ट्रक्चर पर खासा जोर है. स्टार्टअप के दम पर विश्व की टॉप थ्री इकोनामी में देश भी जल्द होगा. केंद्रीय विभागों में चयनित अभ्यथियों को नियुक्ति पत्र देने आए केंद्रीय मंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि बदलाव के दौर में अपना शत-प्रतिशत योगदान दें. उन्होंने 25 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए, जबकि कार्यक्रम के दौरान कुल 182 नियुक्ति पत्र बांटे गए.
सीएसए के कैलाश सभागार में आयोजित रोजगार मेले में मुख्य अतिथि वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से केंद्रीय विभागों में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही थी. 2023 के अंत तक दस लाख युवाओं को नौकरी देने का संकल्प है. उन्होंने कहा कि अमृत काल का दौर चल रहा है. 100 साल का लक्ष्य लेकर मोदी सरकार काम कर रही है. 2047 तक भारत युवाओं के बलबूते विकसित देशों में गिना जाएगा. इससे पहले मेले का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री ने दीप जलाकर किया. प्रधान आयकर आयुक्त शिशिर झा ने पौधे देकर स्वागत किया. सांसद देवेंद्र सिंह भोले, विधायक नीलिमा कटियार समेत आदि रहे. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और भारत माता के उद्घोष से हुआ. आयोजन आयकर विभाग की देखरेख में हुआ.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 30 मिनट बोले मोदी पीएम मोदी समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े. 30 मिनट के संबोधन की शुरुआत में उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर नियुक्ति पत्र वितरण शुरू किया. पीएम ने युवाओं पर बड़ी जिम्मेदारी की बात कही. नौकरी पाने के बाद और बेहतर करने को कहा.
योगी के राज में फल-फूल रहा यूपी वित्त राज्यमंत्री ने कहा विकास व अमन-चैन का माहौल है. बाहर के उद्यमी प्रदेश में निवेश कर रहे हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है. अपराधी सलाखों के पीछे हैं या प्रदेश छोड़कर जा रहे हैं.
दिव्यांगता को दी मात
विपुल प्रधान को उच्च शिक्षा में नौकरी मिली है. पिता नरेंद्र प्रधान प्राइवेट नौकरी करते हैं. जन्म से दिव्यांग होने को विपुल ने अपनी कमजोरी नहीं समझा.
हिम्मत नहीं टूटने दी
डाकघर में नौकरी पाने वाली पूजा सचान के पिता राजकुमार सचान का कैंसर के चलते निधन हो गया. इसके बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
पिता किसान, बेटा बैंक में
इटावा निवासी देवेंद यादव के पिता छोटे किसान हैं. माता का निधन 14 साल पहले हो गया था. कड़ी मेहनत के बाद उन्हें बैंक में नौकरी मिली.
नाकामी के बाद भी लगे रहे
फूड कारपोरेशन में आयुषी वर्मा को नौकरी मिल गई. उनका सपना बैंक में नौकरी का है. इसके लिए प्रयास भी किया पर तीन बार असफल रहीं.