सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में वायरल पीड़ितों की भरमार

गले का खराब होना या सांस नलियों की दिक्कत शामिल

Update: 2024-03-23 03:15 GMT

आगरा: मौसम में जरा सा बदलाव आते ही वायरल फिर हावी हो गया है. बुखार के साथ दूसरी कई दिक्कतें भी हैं. मुख्य रूप से गले का खराब होना या सांस नलियों की दिक्कत शामिल है. ऐसे मरीज तेजी से बढ़े हैं. सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में इनकी भरमार रही है.

फेरिंजाइटिस वायरस का मतलब गले की सूजन से है. इसमें सूजन के साथ खराश और दर्द का सामना करना पड़ता है. कई मामलों में गले का अटकना और सांस लेने तक में परेशानी होने लगती है.

इसके साथ मौसम बदलने संबंधी दिक्कतें जैसे जुकाम, खांसी, शरीर दर्द भी शामिल है. अस्पतालों में सबसे ज्यादा यही मरीज आ रहे हैं. यह ठीक होने में औसतन पांच से छह दिन तक ले रहा है. इसके पीछे एंटीबायोटिक दवाओं का बेअसर होना है. इसलिए, डाक्टर भी इन्हें नहीं लिख रहे हैं. बुखार के साथ गले में दर्द आदि की अलग से दवाएं दी जा रही हैं. यानि बिना एंटीबायोटिक दिए मरीजों को ठीक करने की कोशिश है.

भारी भीड़ ने फैलाई अव्यवस्था: एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में कुल 3547 मरीज देखे गए. इनमें 2832 नए और 7 पुराने थे. मेडिसिन के बाद सबसे ज्यादा 394 मरीज त्वचा रोग विभाग में आए. तीसरे नंबर पर हड्डी रोग में 383, चौथे पर टीबी रोग में 292 और पांचवें पर ईएनटी में 254 मरीज रिकार्ड किए गए. यहां भी मेडिसिन विभाग से गले संबंधी मरीज रेफर किए गए. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पंजीकरण कक्ष से लेकर फार्मेसी और विभागों के बाहर मरीजों की सभी बेंच भर चुकी थीं. कुछ देर तक अफरातफरी जैसी स्थिति रही.

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