कानपुर देहात में एक लोकसभा सीट और चार सांसद
उत्तरप्रदेश में ऐसा शायद कोई जिला होगा, जहां 2008 के परिसीमन से ऐसी स्थिति बनी हो.
लखनऊ: जिला एक लेकिन सांसद एक-दो नहीं पूरे चार. यह समीकरण कानपुर देहात जिले के परिसीमन से बना है. इसमें चार विधानसभा सीटें हैं और चारों अलग-अलग लोकसभा सीटों अकबरपुर, इटावा, कन्नौज और जालौन लोकसभा सीटों का हिस्सा हैं. इस तरह चार सांसदों का जिले में पूरा दखल रहता है. उप्र में ऐसा शायद कोई जिला होगा, जहां 2008 के परिसीमन से ऐसी स्थिति बनी हो.
कानपुर देहात का मुख्यालय अकबरपुर है. जिले में अकबरपुर-रनियां, सिकंदरा, भोगनीपुर व रसूलाबाद विधानसभा सीटें हैं. अकबरपुर-रनियां विधानसभा सीट सदर का हिस्सा होने के कारण अकबरपुर के नाम से लोकसभा सीट भी गठित हुई, लेकिन इसमें जिले की सिर्फ यही एक विधानसभा सीट जुड़ सकी. इसके अलावा कानपुर नगर की चार विधानसभा सीटें जोड़ कर अकबरपुर लोकसभा सीट बना दी गई. कानपुर देहात की सिकंदरा विधानसभा सीट को इटावा लोकसभा सीट का हिस्सा बना दिया गया. भोगनीपुर विधानसभा सीट बुंदेलखंड की जालौन गरौठा लोकसभा सीट का हिस्सा बन गई. जिले की चौथी रसूलाबाद (अनुसूचित) विधानसभा सीट कन्नौज लोकसभा का हिस्सा बनाई गई. इस तरह चार सांसदों का दखल कानपुर देहात में है. कानपुर नगर की जिला योजना की बैठक में महज तीन सांसद होते हैं जबकि कानपुर देहात में चार सांसद आमंत्रित होते हैं.
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