पांच साल में लगे डेढ़ करोड़ पौधे, फिर भी हरियाली कम

Update: 2023-06-07 06:10 GMT

बस्ती न्यूज़: जिले में हरियाली के लिए बीते पांच साल में करीब डेढ़ करोड़ पौधे रोपित किए गए. बावजूद इसके अब भी हरियाली के संकट बरकरार है. पौधों के रोपण के साथ उनकी उचित देखभाल न हो पाना, इसका सबसे बड़ा कारण बनकर उभर रहा है. साल-दर-साल पौधरोपण का विभागीय आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, लेकिन धरातल पर इसकी सार्थकता नजर नहीं आ रही है. वन विभाग के साथ ही 26 अन्य विभाग भी पौधरोपण के लक्ष्य को पूरा करने में हर साल जुटते हैं.

जिले में हर साल होने वाले वृहद पौधरोपण के चलते वन क्षेत्र 1979.77 हेक्टेयर हो गया है. इसे बढ़ाने का लगातार प्रयास चल रहा है. दूसरी तरफ पौधरोपण के साथ ही उनकी सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है. विश्व पर हर साल जिले के सभी रेंज में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया जाता है, साथ ही आक्सीजन वाले पौधों को अच्छी संख्या में लगाने पर फोकस होता है. इन सबके के साथ पौधों की सुरक्षा का भी संकल्प लिया जाता है, लेकिन रोपित किए जाने वाले करीब 40 फीसद पौधे अलग-अलग कारणों से सूखकर नष्ट हो जाते हैं.

पांच साल में सूख गए 50 लाख पौधे पौधरोपण का लक्ष्य हर साल तय होता है. इसका एक बड़ा हिस्सा वन विभाग के जिम्मे होता है, जबकि अन्य 26 विभागों का पौधरोपण का टारगेट पूरा करने में सहयोग लिया जाता है. जिले में पिछले पांच सालों में करीब डेढ़ करोड़ पौधों का रोपण किया गया. विभागीय आंकड़ों में इनमें से करीब एक करोड़ पौधे जीवित हैं. जबकि 50 लाख पौधों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है.

28 नर्सरियों में तैयार जा रहे पौधे, 15 अगस्त तक चलेगा अभियान इस साल पौधरोपण अभियान में वन विभाग समेत 27 विभागों को 39 लाख 98 हजार 359 पौधे रोपने का लक्ष्य मिला है. जिले की 28 नर्सरियों में पौधों का उगान करवाया जा रहा है, ताकि पौधरोपण अभियान सफल हो सके. हर साल जुलाई महीने से पौधरोपण अभियान शुरू होकर 15 अगस्त तक चलता है. इसमें 14 लाख पौधे वन विभाग तो शेष 25 लाख पौधे अन्य 26 विभागों को रोपित करना है. डीएफओ नवीन कुमार शाक्य ने बताया कि इस वर्ष पौधरोपण अभियान के लिए तैयारियां चल रही हैं. गड्ढों की खुदाई की जा रही है. इसके लिए सदर, कप्तानगंज, हर्रैया व रामनगर वन रेंज के रेंजरों को लगाया गया है.

पिछले पांच साल में पौधरोपण की स्थिति:

● 2018 में 22.50 लाख

● 2019 में 24.50 लाख

● 2020 में 27.21 लाख

● 2021 में 32.77 लाख

● 2022 में 35.53 लाख

कटते पेड़ से आहत होकर शुरू की पौधरोपण की मुहिम:

पर्यावरणप्रेमी गौहर अली पिछले एक दशक से शहरी क्षेत्र में छायादार पौधे लगाने व उनकी सुरक्षा के लिए मुहिम चला रहे हैं. कलक्ट्रेट, कैली रोड, कोतवाली, गायत्री मंदिर सहित शहर के आधा दर्जन से ज्यादा जगहों पर छायादार पौधे लगाए, इनमें से काफी पौधे पेड़ बन चुके हैं. यह अपने सहयोगियों के साथ पौधरोपण करने के साथ ही इनकी सुरक्षा का भी नियमित प्रयास करते हैं, इसका परिणाम है कि इनके लगाए काफी पौधे सुरक्षित हैं. गौहर अली ने बताया कि वह ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं, जहां हरियाली की कमी नहीं है. इसके विपरीत शहर में लगे पेड़ों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. सड़क के किनारे लगे पेड़ सुविधानुसार काट दिए गए, लेकिन इनकी जगह पर नए पौधे नहीं लगाए गए. राहगीरों को गर्मी में छांव नहीं मिलती है. जानवर और परिंदों के लिए ठिकाना नहीं बचा है. शहर का तापमान भी इससे बढ़ता जा रहा है. सभी को इन समस्याओं के प्रति जागरूक होकर पौधरोपण व उसकी सुरक्षा के लिए मुहिम चलानी होगी.

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