21 अगस्त को दस सेकंड में ध्वस्त कर दी जाएगी इमारत, ट्विन टावर में लगेगा करीब 4 टन बारूद

Update: 2022-07-17 18:21 GMT

नोएडा के सेक्टर-93 में स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट में स्थित ट्विन टावर को बीते 21 मई को गिराया जाना था, लेकिन सुरक्षा को देखते हुए और काम बाकी रहने की वजह से ध्वस्तीकरण टाल दिया गया.. टावर को गिराने वाली कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट से तीन महीने का समय मांगा, जिसके चलते अब ये 21 अगस्त को गिराया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, बेसमेंट से लेकर टॉप फ्लोर तक ड्रीलिंग और सभी कामों को पूरा कर लिया गया है, जिसके चलते ट्विन टावर व्हाइट और ब्लैक दिखने लगा है. वहीं 1 अगस्त से इसमें बारूद लगाई जाएगी, ताकि तय समय में ध्वस्तीकरण किया जा सके.

बता दें कि ये ट्विन टावर को तोड़ने की जिम्मेदारी एडिफिस एजेंसी को मिली है. पूरी बिल्डिंग में करीब 10 हजार से ज्यादा छेद किए गए हैं. ट्विन टावर 21 अगस्त को गिराए जाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. बीते दिनों उत्कृष मेहता ने बताया था कि किस तरीके से ट्विन टावर का ध्वस्तीकरण होगा. ट्विन टॉवर को पूरी तरह व्हाइट और ब्लैक रंग के जिओ टेक्सटाइल फाइबर से ढक दिया गया है. यह मलबे को आसपास बिखरने से बचाने के लिए लगाया गया है. हर फ्लोर पर दीवार और बाहर की साइड में बाउंड्री को तोड़कर साफ कर दिया गया है. प्रत्येक पिलर को सफेद रंग के जिओ फाइबर टेक्सटाइल से कम से कम 4 बार लपेटा गया है. इसके अलावा पिलर को लोहे की जाली से घेर दिया गया है, जिससे ब्लास्ट के दौरान मलबा आसपास की इमारतों तक न जाए.

बीते मई में सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर तोड़ने वाली एडिफिस एजेंसी को राहत दी थी. ट्विन टावर तोड़ने का जिम्मा अफ्रीकन कंपनी एडिफिस को मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी को टावर 28 अगस्त तक तोड़ने का आदेश दिया था. पहले सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई की तारीख तय की थी, लेकिन एडिफिस कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से 3 महीने का समय मांगा था, जिसके बाद एजेंसी को 3 महीने का समय और मिला. एजेंसी ने पहले कहा था कि वो 28 अगस्त तक दोनों टावर को तोड़ देंगी, लेकिन पिछले दिनों नोएडा अथॉरिटी के साथ हुई मीटिंग में 21 अगस्त को फाइनल तारीख तय की गई, जोकि अभी तक बरकरार है.

टॉवर के ध्वस्तीकरण में करीब 4 हजार किलो बारूद लगेगी. इस ट्विन टॉवर को मात्र 9 से 10 सेकंड में एक साथ सभी फ्लोर पर ब्लास्ट कर दिया जाएगा. उस समय मलबे से करीब 60 मंजिल ऊंचा धूल का गुब्बारा उठेगा, जिससे आसपास प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंका है. हालांकि उसे रोकने के लिए खासा इंतजाम की बात कही गई है. इस प्रदूषण से इमारतों को बचाने के लिए वाटर जेट, फायर टेंडर और फव्वारों इस्तेमाल होगा. इस धूल भरे गुबारा का असर करीब 20-25 मिनट तक रहेगा.

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