बस्ती न्यूज़: बस्ती जिले के नगर बाजार के निकाय चुनाव के मतपत्र चोरी के मामले में आरोपी मतदान अधिकारी को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. प्रकरण में आरओ नगर बाजार ने पीठासीन और मतदान अधिकारी प्रथम दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
आरओ की तहरीर के मुताबिक नगर पंचायत नगर बाजार के अध्यक्ष और सभासदों के मतों की गिनती चल रही थी. मतपत्र लेखा में अंकित मतों में से अध्यक्ष के 48 और सभासद के 46 मत कम पाए गए. इस पर भाजपा सभासद पद के उम्मीदवार ने फिर से मतगणना की मांग की. आरओ ने मतगणना समाप्ति के बाद मतों की दोबारा गिनती कराने की बात कही. इसे लेकर हंगामा होने लगा.
आरोप है कि मतदानकर्मियों ने ये मतपत्र चुरा लिए थे. सभासद पद के उम्मीदवार ने इसकी शिकायत की कि मतगणना के समय शेष मतपत्र टेबल के नीचे फेंक दिए गए हैं. जांच में मतपत्र टेबल के नीचे पाए गए. जिला निर्वाचन अधिकारी/ जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के निर्देश पर नगर बाजार के आरओ/ एसडीएम आशुतोष त्रिपाठी ने पीठासीन अधिकारी सहायक अध्यापक राजकुमार विश्वकर्मा और मतदान अधिकारी प्रथम जिला पंचायत कर्मी सतेंद्र सिंह के खिलाफ 134 लोकप्रतिनिधित्व एक्ट व आईपीसी 380 में मुकदमा दर्ज कराया.
को पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी प्रथम को निलंबित कर दिया गया था. कोतवाल शशांक शेखर राय ने बताया कि आरोपी मतदान अधिकारी सत्येन्द्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है.
किसान इंटर कॉलेज परिसर में चल रही नगर पंचायत नगर बाजार की मतगणना के दौरान मिले मतपत्रों के मामले में पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी प्रथम के खिलाफ प्रारंभिक जांच बाद मुकदमा दर्ज हुआ था.
नगर पंचायत के वार्ड नंबर-छह के बूथ नंबर-आठ प्राथमिक विद्यालय भैंस बरहा पर 11 मई को मतदान हुआ. मतदान बाद पीठासीन अधिकारी सहायक अध्यापक राजकुमार विश्वकर्मा ने सभी अध्यक्ष और सभासद पद के एजेंटों को मतपत्र लेखा प्राप्त कराया.
मतपत्र लेखा पर यह अंकित था कि बूथ पर कुल कितने वोट पड़े. इसके साथ ही सभी एजेंटों की मौजूदगी में मतपेटी को सील कर दिया गया. मतगणना के समय सील मतपेटी खोली गई. मतगणना के बाद कुल पांच प्रत्याशियों के पक्ष में 606 मत मिले थे. यह संख्या मतदान के समय मतपत्र लेखा पर बताई गई संख्या से कम था. एक प्रत्याशी रामनरेश ने आपत्ति जताते हुए पुनर्मतगणना की मांग की.
इसी दौरान बताया गया कि मतगणना टेबल के नीचे मतपत्र पड़े हैं. इस सूचना पर खोज की गई तो वहां पर मतपत्र मिले. जिसमें सभासद के 48 और अध्यक्ष के 46 मत थे. इन मतपत्रों को जोड़ने पर मतपत्र लेखा पर दर्ज संख्या के बराबर मत हो गए. शिकायत जिलाधिकारी तक पहुंची तो अपर जिलाधिकारी कमलेश चंद्र बाजपेयी को प्रारंभिक जांच मिली. अपर जिलाधिकारी कमलेश चंद्र बाजपेयी की जांच में मामला पकड़ में आया कि जिस सीरियल नंबर के मतपत्र गणना टेबल के नीचे मिले हैं, उस पर पीठासीन अधिकारी का हस्ताक्षर और मुहर लगी है.
मतपत्र बंडल से उसे फाड़ा गया है, लेकिन मतपत्र बंडल के काउन्टर पर मतदाता का हस्ताक्षर या निशानी अंगूठा नहीं था. प्रारंभिक जांच अधिकारी में मामला सामने आया कि किसी कर्मी ने कुछ मतदाताओं के मतदान के अंतराल पर एक-एक मतपत्र फाड़े और मुहर लगाकर रख लिया.