वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद से जुड़े लोगों के जाने पर रोक लगाने संबंधी अर्जी पर जिला जज डॉ. अजयकृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई. इसमें प्रतिवादी की ओर से आपत्ति दाखिल की गई. वादी राखी सिंह ने उस आपत्ति का जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. तब कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 17 अगस्त तय कर दी.
शृंगारगौरी केस की राखी सिंह ने पिछले दिनों कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. अर्जी के अनुसार प्रतिवादी संख्या-4 अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के सदस्य प्रदेश सरकार के माध्यम से परिसर में आते-जाते रहते हैं और वहां मौजूद हिंदू धर्म से संबंधित ऐतिहासिक साक्ष्यों को नष्ट कर रहे हैं. ये साक्ष्य पूर्व में कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान सामने आए हैं. इस नाते उनके आने-जाने पर रोक लगाई जाए. अंजुमन इंतेजामिया ने अपनी आपत्ति में कहा है कि अर्जी का उद्देश्य आम मुसलमान को ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज अदा करने से रोकना है. सुप्रीम कोर्ट ने उनके नमाज अदा करने और धार्मिक कृत्यों पर रोक टोक न करने का आदेश दिया है. वादिनी की अर्जी पोषणीय नहीं है. इसलिए उसे खारिज कर दिया जाए.
अंजुमन ने सर्वे टीम का आग्रह ठुकराया
एएसआई टीम ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों से तहखानों, छत व हाल के दरवाजे एक साथ खोलने को कहा ताकि सर्वे में तेजी आ सके. लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इनकार कर दिया. उसने कहा कि जहां पर उनके सदस्य मौजूद रहेंगे, वहीं की चाभी सौंपी जाएगी. सूत्रों के अनुसार, सर्वे टीम गुंबद व मीनारों की जगह उत्तरी व दक्षिणी तहखानों में केन्द्रित रही.