अब मरीजों की होंगी जेब ढीली, केजीएमयू में इलाज कराना 10 फीसदी महंगा होगा, हॉस्पिटल बोर्ड में प्रस्ताव पास
लखनऊ केजीएमयू में इलाज कराने के लिए अब मरीजों को ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। ओपी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लखनऊ केजीएमयू में इलाज कराने के लिए अब मरीजों को ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। ओपीडी में परामर्श के लिए पंजीकरण शुल्क दोगुना करने की तैयारी कर ली गई है। इसके साथ ही अन्य इलाज की फीस भी 10 प्रतिशत बढ़ाई जाएगी। केजीएमयू के हॉस्पिटल बोर्ड में पास ये प्रस्ताव अब कार्य परिषद में अंतिम मंजूरी के लिए रखे जाएंगे।
केजीएमयू की ओपीडी में इस समय पर्चे का शुल्क एक रुपया है, लेकिन इससे पहले मरीज से पंजीकरण के नाम पर 50 रुपये लिए जाते हैं। अब यह शुल्क 100 रुपये करने की तैयारी है। यह पंजीकरण छह माह के लिए मान्य होगा। इसके बाद ओपीडी में पंजीकरण के लिए दोबारा फीस देनी होगी। हॉस्पिटल बोर्ड में यह प्रस्ताव रखते वक्त तर्क दिया गया कि विवि की आय बढ़ाने के लिए ऐसा करना बेहद जरूरी है, जिसे सदस्यों ने मान लिया। अब पंजीकरण के साथ इलाज की अन्य मदों में भी बढ़ोतरी की जानी हैं।
22 को होगी कार्य परिषद की बैठक
केजीएमयू में कार्य परिषद की बैठक 22 जून को होगी। इसमें विभिन्न विभागों के नियुक्ति संबंधी लिफाफे खोलने पर दोबारा चर्चा होगी। कार्य परिषद ने इससे पहले इन विभागों के लिफाफे आरक्षण के प्रावधान का पालन न होने से खोलने से मना कर दिए थे। हाईकोर्ट और राजभवन के हस्तक्षेप के बाद अब एक बार फिर यह मामला कार्य परिषद के सामने रखा जाएगा। इसके अलावा शिक्षकों की ज्येष्ठता सूची भी बैठक में रखी जानी है।
700 रुपये बढ़ जाएगा प्राइवेट कमरों का किराया
केजीएमयू में इस समय प्राइवेट कमरों का एक दिन का किराया 1800 रुपये है। नए प्रस्ताव में कॉर्डियोलॉजी विभाग के प्राइवेट कमरों का किराया 2500 रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है। ऐसे में सभी विभागों के प्राइवेट कमरों का शुल्क करीब 700 रुपये तक बढ़ सकता है। इसी तरह प्लास्टिक सर्जरी विभाग के आईसीयू में भी मरीजों को शुल्क चुकाने का प्रस्ताव हॉस्पिटल बोर्ड की बैठक में पास किया गया है।
विभागवार खुलेंगे पैथोलॉजी कलेक्शन सेंटर
केजीएमय में सुविधाएं भी बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। अब विभागवार पैथालॉजी कलेक्शन सेंटर खोले जाएंगे, जिससे मरीजों और तीमारदारों की भागदौड़ बचेगी। इसी तरह शताब्दी भवन में खून में ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाने के लिए जरूरी एबीजी जांच की सुविधा शुरू होगी। यहां 13 ओटी चल रही हैं।