अब प्रदूषण जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा

हर वर्ष प्रदूषण जांच के लिए वाहन को अपने नजदीकी केंद्र तक लेकर जाना होगा

Update: 2024-04-15 08:20 GMT

लखनऊ: बाइक-कार से लेकर अन्य वाहन मालिकों के लिए बड़ी खबर हैं. अब प्रदूषण जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा. हर वर्ष प्रदूषण जांच के लिए वाहन को अपने नजदीकी केंद्र तक लेकर जाना होगा.

तभी वाहन प्रदूषण का सार्टिफिकेट जारी होगा. इसके लिए परिवहन विभाग ने दूसरा नया पीयूसीसी वर्जन टू पोर्टल बनाया हैं. जहां मोबाइल फोन के जरिए प्रदूषण जांच करके प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. पहले प्रदूषण जांच केंद्र पर लगे कैमरे से फोटो खींचकर या आए बगैर ही प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाने की शिकायत के बाद परिवहन विभाग ने सुरक्षा से लैस दूसरा पोर्टल का सफल परीक्षण करके प्रदेश भर के केंद्रों से लागू किया जाएगा.

मोबाइल पर ऐप डाउन लोड कर जांच: वाहनों के प्रदूषण जांच के लिए हर केंद्र पर मोबाइल फोन होना जरूरी है. मोबाइल फोन पर एप डाउन लोड किए जाएंगे. इसके जरिए हर वाहनों का तरह की जांच के बाद औपचारिका पूरी होगी. मोबाइल फोन से गाड़ियों के आगे-पीछे की फोटो के साथ सेकेंड का वीडियो अपलोड करना होगा.

ट्रेनिंग देकर 15 से शुरू होगी जांच: लखनऊ में 127 और प्रदेश भर में करीब 3000 हजार प्रदूषण जांच केंद्र हैं. इन केंद्र संचालकों को नए वर्जन की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद नए पोर्टल के जरिए वाहनों के प्रदूषण जांच के बाद सार्टिफिकेट जारी कर सकेंगे. इसके लिए वाहन मालिकों से किसी प्रकार का कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा.

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