Bareilly: दलित युवती की गैंगरेप और हत्या मामले में 6 लोगों को उम्रकैद की सजा

Update: 2025-02-07 06:12 GMT
Bareilly बरेली : दलित युवती की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट राकेश त्रिपाठी ने थाना क्योलड़िया के गांव मैथी नवदिया निवासी रामेश्वर दयाल गंगवार, पप्पू उर्फ एडवोकेट, बादल उर्फ अब्दुल रहमान, कुंवरसेन और दोनों सगे भाइयों निरंजन लाल गंगवार, भगवान दास गंगवार को परीक्षण में दोषी पाया। कोर्ट ने सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 65-65 हजार रुपये
जुर्माना भी डाला है।
सरकारी वकील स्वतंत्र पाठक ने बताया कि मृतका के पिता ने थाना क्योलड़िया में तहरीर देकर बताया था कि वर्ष 2001 में उनकी बेटी के साथ दो भाइयों निरंजन लाल और भगवान दास गंगवार ने अपनी चक्की में छेड़खानी की थी। इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेजा था।
5 नवंबर 2008 को शाम करीब 4 बजे उनकी बेटी शौच को गई लेकिन वापस नहीं लौटी। उसकी लाश गन्ने के खेत में अर्धनग्न अवस्था में पड़ी मिली थी। उन्हें शक है कि पुरानी रंजिश में उनकी बेटी की दुष्कर्म के बाद निरंजन और उसके भाई भगवान दास ने की। पुलिस ने दुष्कर्म, हत्या, आपराधिक षडयंत्र, एससी/एसटी एक्ट की संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। विवेचना में गैंगरेप की धारा बढ़ाकर तथ्य जुटाकर आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट भेजा था। अभियोजन ने 11 गवाह पेश किये थे।
विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट ने खोली हैवानियत की पोल
वैज्ञानिक अधिकारी फील्ड यूनिट ने अपनी आख्या में उल्लेखित किया कि निरीक्षण के वक्त मृतका के शरीर पर कुर्ता फटा हुआ था और सलवार निकली हुई थी। गले, चेहरे, छाती और उंगलियां आदि पर खरोचों के निशान पाये गये। बाया स्तन कटा था और दोनों बाजुओं पर चोट और उंगलियों से जबरन पकड़ने निशान बने थे। बायी जांघ पर खरोचें मिली थीं। सबूत मिटाने के लिए शव को गन्ने के खेत में छिपा दिया। आख्या से साबित होता है कि मृतका के साथ हैवानियत की गयी।
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