प्रतापगढ़ न्यूज़: 100 बेड का संयुक्त अस्पताल शिवसत में बनाने के लिए शासन ने 45 करोड़ 23 लाख 71 हजार रुपये बजट स्वीकृत किया. एक साल पांच महीने में काम पूरा करना था, लेकिन छह साल बीत जाने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हो पाया है.
स्वीकृत बजट से 23 करोड़ 97 लाख 49 हजार रुपये की धनराशि कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद को शुरू में ही जारी किए जा चुके हैं. निर्माण संस्था ने जनवरी 2017 में भवन का निर्माण शुरू करा दिया. मई 2018 तक काम पूरा करने के बाद बिल्डिंग सीएमओ को हैंडओवर करनी थी. लेकिन फरवरी 2023 तक भी दीवार जोड़ने से लेकर पिलर ढालने व लिंटर डालने का ही काम चल रहा है. फिनिशिंग तो अभी बहुत दूर की बात दिख रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की पूछताछ में निर्माण संस्था के अधिकारी समय पर बजट न मिलने की बात कहते हैं.
मेडिकल कॉलेज में बिजली का ऐसा हाईटेक सिस्टम लग रहा है कि अस्पताल में कभी एक मिनट के लिए भी बिजली नहीं जाएगी. 33 हजार वोल्ट के आधुनिक उपकेन्द्र से लेकर अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर तक ऑटोमैटिक सिस्टम लगाए जा रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज में गेट के पास तैयार हो रहे 33 केवीए के विद्युत उपकेन्द्र को बिजली की रिजर्व सप्लाई भुपियामऊ पावर हाउस से होगी. लेकिन लाइन अंडरग्राउंड आएगी ताकि उस पर आंधी पानी जैसे तत्वों का असर न पड़े. यह लाइन तभी बंद होगी जब किसी वजह से ग्रिड से सप्लाई बंद हो जाएगी. ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए 160 केवीए के दो जनरेटर लग रहे हैं. किसी वजह से एक जनरेटर फेल हुआ तो दूसरा जनरेटर स्टार्ट हो जाएगा. जनरेटर में लगे पैनल इतने आधुनिक हैं कि बिजली जाते ही या किसी तकनीकी समस्या के चलते पहला जनरेटर न चालू होने पर दूसरा जनरेटर खुद ही चालू हो जाएगा. इसे चलाने के लिए किसी ऑपरेटर की जरूरत नहीं होगी. खास बात यह है कि जनरेटर को चालू होने में एक सेकेंड से भी कम समय लगेगा इससे पता भी नहीं चलेगा कि बिजली चली गई है.
दूर हो जाएगी देर से जनरेटर चलाने की शिकायत अभी मेडिकल कॉलेज के पुरुष व महिला अस्पताल में अलग-अलग जनरेटर हैं. बिजली जाने पर जनरेटर चलाने में ऑपरेटर को कुछ मिनट लग जाते हैं. इससे इमरजेंसी वार्ड से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टरों के सामने समस्या पैदा हो जाती है. लेकिन नए सिस्टम में सबकुछ आटोमैटिक होने के नाते जनरेटर खुद ही एक साथ स्टार्ट हो जाएंगे.