अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर नौनिहालों के बनेंगे आधार कार्ड, 12 ब्लॉक में आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू
रोहटा: आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले नौनिहालों के बाल विकास विभाग आधार कार्ड बनाने का काम करेगा। इसके लिए जिले के 12 ब्लॉक में यह कार्य शुरू हो चुका है और अब तक लगभग 800 बच्चों के आधार कार्ड बन भी चुके हैं। आंगनवाड़ी केंद्रों पर आने वाले 0 से 5 वर्ष तक के नौनिहालों के आधार कार्ड बनाने का काम बाल विकास परियोजना विभाग के सुपरवाइजर करेंगे।
इसके लिए जिले भर के 12 ब्लॉक में विभाग की ओर से टेबलेट मुहैया करा दी गई है। इसे लेकर अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर अभी तक आधार से महरूम बच्चों को सरकार द्वारा आधार मुहैया कराने और आंगनबाड़ी केंद्रों के पूरी तरह से आॅनलाइन करने को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। बाल विकास परियोजना अधिकारी व यूआईडीआई की तरफ से बाल आधार बनाने के लिए परियोजना विभाग के नोडल अधिकारी बनाए गए अतेंद्र कुमार ने बताया कि जिले के 12 ब्लॉक में तेरह टेबलेट उपलब्ध कराई गई है
जो अपने-अपने ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्र पर आने वाले 0 से 5 वर्ष तक के नौनिहालों के आधार कार्ड बनाने का काम सुपरवाइजर करेंगे। प्रत्येक ब्लॉक में दो से पांच सुपरवाइजर तक की आईडी एक्टिव कर दी गई है। इसके लिए शासन की ओर से 13 टेबलेट भी मुहैया करा दी गई है। उन्होंने बताया कि अभी तक जिले भर में 800 नौनिहालों के आधार कार्ड बन कर तैयार हो चुके हैं।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र पर आने वाले नौनिहालों को आॅनलाइन करने के लिए प्रक्रिया जारी की गई है। जिसके तहत अब केंद्रों पर आने वाले सभी नौनिहालों के आधार कार्ड अनिवार्य कर दिए गए हैं। आधार कार्ड अनिवार्य होने के बाद बाल विकास परियोजना विभाग के आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों केंद्रों पर आने वाले नौनिहालों, गर्भवती,धात्री व किशोरियों को आॅनलाइन फील्डिंग करने के साथ दिल्ली आॅनलाइन अटेंडेंस भी देनी होगी।
जिसके बाद ही बाल विकास एवं पुष्टाहार का निर्धारण करने के साथ मानदेय जारी करेगा। एक तरह से जिले भर के सभी आंगनबाड़ी केंद्र को आॅनलाइन जारी कर दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सरकार पहले ही मोबाइल मुहैया करा चुकी है। जिसके बाद अब आॅनलाइन अटेंडेंस, डाटा फीडिंग और लाभार्थियों का डाटा तैयार किया गया है। जिले भर के 462 आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले नौनिहालों के आधार कार्ड बनाने का जिम्मा बाल विकास परियोजना को सौंपा गया है।
जिसके तहत ही आने वाले प्रत्येक लाभार्थी बच्चे का आधार कार्ड अनिवार्य रूप से बनाना होगा। इस कार्य में जिले भर के लगभग 100 से भी अधिक सुपरवाइजर और बाल विकास परियोजना अधिकारी लगाए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जिले भर के 20 से अधिक पूर्व में बनाए गए आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए धनराशि मरम्मत के लिए मुहैया कराई गई है जबकि पहले ही जिले में 55 नए आंगनबाड़ी केंद्रों को स्वीकृति मिल चुकी है और उनके निर्माण कार्य जारी है इस तरह से आंगनबाड़ी केंद्रों अब तक सुख सुविधाओं से महरूम पर नौनिहालों को नई सुविधा मिलने के साथ नौनिहालों के दिन भी बहुर रहे हैं।