Noida: ग्रेनो में कूड़े को सीएनजी में परिवर्तित करने की परियोजना को जल्द गति मिलेगी
सीएनजी में बदलने का प्लांट लगेगा
नोएडा: गीले कचरे की समस्या से अगले कुछ माह में निजात मिल जाएगी. प्राधिकरण क्षेत्र के अस्तौली में स्थित सेनेटरी लैंडफिल साइट पर 50 टन गीले कचरे का प्रतिदिन निस्तारण कर उससे बायो सीएनजी में परिवर्तित करने की परियोजना को जल्द गति मिलेगी.
यहां 17 करोड़ रुपये की लागत से प्लांट के निर्माण की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके अलावा 300 टन क्षमता के एक अन्य प्लांट को स्थापित करने की भी तैयारी चल रही है. कूड़ा प्रसंस्करण प्लांट को 25 सालों के संचालन की अवधि के आधार पर विकसित किया जाएगा. इस परियोजना से शहर के 95 सेक्टर व 124 गांवों के 12 लाख लोग लाभांवित होंगे.
स्वच्छता के मामले में ग्रेटर नोएडा को अव्वल बनाने के लिए प्राधिकरण घरों से निकलने वाले गीला व सूखा सहित सभी तरह के कचरे का शत- प्रतिशत निस्तारण किए जाने की परियोजना पर काम चल रहा है. इसके लिए अस्तौली में सेनेटरी लैंडफिल साइट का निर्माण किया जा रहा है. प्रथम चरण में यहां 50 टन गीले कचरे का प्रतिदिन निस्तारण करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से युक्त प्लांट स्थापित किए जाने की तैयारी चल रही है. योजना के मुताबिक 50 टन गीले कचरे का प्रतिदिन प्रसंस्करण कर उसे बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा. प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक गीले कचरे का प्रसंस्करण कर उसे बायो-सीएनजी के जरिए रोड रेडी बायो फ्यूल बनाने की प्रक्रिया को गति दी जाएगी. परियोजना के तहत बनने वाली बायो-सीएनजी को सिटी बसों समेत विभिन्न वाहनों में प्रयुक्त किया जाएगा. यहां बनने वाली कंप्रेस्ड बायो गैस को इंडियन स्टैंडर्ड नॉर्मस (बीआईएस) तथा पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (पेसो) के गैस सिलिंडर फिलिंग मानकों का पालन किया जाएगा.