Noida: सेवानिवृत्त जज की बैठक में यूनिटेक के बकाये की जानकारी मांगी
"बैठक में नोएडा प्राधिकरण ने अपना पक्ष रखा"
नोएडा: यूनिटेक बिल्डर की परियोजनाओं के मामले में सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी की पहली बैठक हुई. इसमें कमेटी ने प्राधिकरण से यूनिटेक परियोजनाओं में खाली पड़ी जमीन और बकाये की जानकारी मांगी. बैठक में नोएडा प्राधिकरण ने अपना पक्ष रखा.
यूनिटेक की सेक्टर-96, 97, 98, 113, 117 में परियोजनाएं हैं. इन परियोजनाओं के लिए नोएडा प्राधिकरण ने करीब 15 साल पहले जमीन आवंटित की थी.प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि यूनिटेक पर करीब 8 हजार करोड़ बकाया है. यूनिटेक की अलग-अलग परियोजनाओं के लिए करीब 16 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई थी, जिसमें से करीब 9 लाख वर्ग मीटर जमीन खाली पड़ी है. यूनिटेक के निदेशकों के जेल जाने के बाद इन परियोजनाओं में काम बंद हो गया . न्यायालय के आदेश पर एक बोर्ड का गठन किया गया. इस बोर्ड के जरिए एक बार फिर इन परियोजनाओं के लिए नक्शा पास करने से लेकर अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्राधिकरण में आवेदन कर दिया गया. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर प्राधिकरण ने निर्माणाधीन परियोनजाओं के लिए नक्शा पास करने और अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया कर दी, लेकिन बोर्ड ने प्राधिकरण का बकाया देने के लिए कोई प्लान नहीं दिया. प्राधिकरण की गुहार के बाद इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक नई कमेटी गठित कर दी थी. इस कमेटी की हाल ही में बैठक हुई. बैठक में प्राधिकरण अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा. बैठक में निर्णय लिया गया कि प्राधिकरण एक बार नवीनतम जानकारी के साथ परियोजनाओं में खाली पड़ी जमीन व बकाये की जानकारी रखे. इसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी.
सिविल विभाग सफाई में सहयोग करेगा: शहर के सार्वजनिक स्थान और शौचालयों की सफाई-व्यवस्था में प्राधिकरण का सिविल विभाग भी मदद करेगा. प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं. साफ-सफाई का जिम्मा प्राधिकरण का जनस्वास्थ्य विभाग संभालता है.
सीईओ ने निर्देश में कहा है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले सार्वजनिक शौचालयों का निरीक्षण करवाएं. यह सुनिश्चित करें कि शौचालय की सफाई, पानी, प्रकाश समेत अन्य इंतजाम दुरुस्त होने चाहिए. इसके बाद रिपोर्ट तैयार कर तीन दिन के अंदर सौंपे. शौचालय का रखरखाव सही करने के लिए कहा गया है. कहीं कमी है तो ठीक कराने के निर्देश दिए.