Noida: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास ऑस्ट्रियाई नगरी बसाने की तैयारी
अमेरिकन सिटी के बाद ऑस्ट्रियाई सिटी बसाने की तैयारी
नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास प्रस्तावित जापानी, कोरियन और अमेरिकन सिटी के बाद ऑस्ट्रियाई सिटी बसाने की तैयारी है. ऑस्ट्रिया के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने निवेश की संभावनाओं को तलाशने के लिए यमुना सिटी और ग्रेटर नोएडा का दौरा किया.
प्रतिनिधिमंडल ने पर्यटन, स्टार्टअप, कौशल विकास, रिसर्च और ड्रोन तकनीक में निवेश की इच्छा जताई है. प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि ऑस्ट्रिया का प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय भारत दौरे पर है. बेंगलुरु का दौरा करने के बाद ऑस्ट्रिया के टाइरोल इकोनॉमिक चैंबर के वाइस प्रेसिडेंट मैनफ्रेड प्लेजर के नेतृत्व में सरकारी प्रतिनिधिमंडल ग्रेटर नोएडा पहुंचा.
यहां ग्रेटर नोएडा के जेपी ग्रीन रिसॉर्ट में प्रतिनिधिमंडल की ग्रेनो और यमुना अधिकारियों के साथ बैठक हुई. बैठक में मुख्यातिथि राज्यसभा सांसद मिथिलेश कुमार कठेरिया रहे. बैठक में अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी के बारे में बताकर निवेश के लिए आकर्षित किया. ऑस्ट्रिया दूतावास के अधिकारी भी बैठक में शामिल रहे.
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण और इनवेस्ट यूपी के अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को एफडीआई नीति के तहत निवेश में सरकार की ओर से मिलने वाली लैंड सब्सिडी और अन्य लाभ के बारे में बताया. राज्यसभा सांसद मिथिलेश कुमार कठेरिया की अध्यक्षता में इंवेस्ट यूपी के अफसरों ने एक-एक कर अपने-अपने क्षेत्रों का प्रस्तुतिकरण दिया. इसके अलावा क्षेत्र की विशेषताएं बताईं.
छात्रों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया: एमिटी विश्वविद्यालय में रोटरी ब्लड बैंक दिल्ली के सहयोग से स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को रक्तदान के प्रति जागरूक करने और उसके महत्व के बारे में बताया गया. इस रक्तदान शिविर में लगभग 150 यूनिट रक्त एकत्र किया गया.
जिम्स के छात्रों को टेबलेट वितरित किए: जिम्स के एमबीबीएस, नर्सिंग और पैरामेडिकल के छात्रों को जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने टेबलेट वितरित किए. कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना के साथ किया गया. जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि डिजिटल इंडिया को सशक्त बनाने में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. मेडिकल में विद्यार्थियों के लिए डिजिटल मोड बेहतर प्लेटफार्म है, जो चिकित्सीय ज्ञान को एक नया आयाम देता है.