Noida: पुलिस ने लोगों के साथ ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया
"आरोपी करीब 500 से अधिक लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं"
नोएडा: शेयर मार्केट में निवेश कर मुनाफा कमाने और लोन दिलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पुलिस ने पर्दाफाश किया. सरगना समेत आठ आरोपियों को भी दबोचा. इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. गिरफ्त में आए आरोपी इंश्योरेंस पॉलिसी अपडेट करने के नाम पर भी ठगी करते थे. पकड़े गए आरोपी करीब 500 से अधिक लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं.
डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि सेक्टर-20 थाने में दर्ज एक मुकदमे के सिलसिले में आरोपी से पूछताछ के दौरान ठगी करने वाले गिरोह के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए एसीपी शैव्या गोयल की अगुवाई में एक टीम बनाई गई. टीम ने सेक्टर दो में संचालित कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर गिरोह के सभी आरोपियों को दबोच लिया. कॉल सेंटर से 17 मोबाइल और नकदी समेत अन्य सामान बरामद हुआ. आरोपियों की पहचान बिहार के दरभंगा निवासी गणेश ठाकुर, पश्चिम बंगाल के वर्धमान निवासी प्रभाष झा और मनीष कुमार झा, दिल्ली के कालकाजी निवासी परवेज आलम, कानपुर देहात निवासी शुभम यादव, वाराणसी निवासी ज्ञानेन्द्र, एटा निवासी शबनम और इटावा निवासी निवासी आराधना के रूप में हुई . वर्तमान में सभी आरोपी नोएडा और दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर किराये का कमरा लेकर रह रहे हैं. आरोपियों की उम्र 25 से 35 साल के बीच है. गिरोह का सरगना गणेश ठाकुर और ज्ञानेंद्र है.
एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि गिरोह का सरगना डार्क वेब और अन्य वेबवाइट के जरिये ऐसे लोगों का डाटा लेता था, जिन्हें लोन और इंश्योरेंस की आवश्यकता होती थी. आरोपी विभिन्न बैंकों का कर्मचारी बताते हुए ग्राहकों को कॉल करते थे. इसके बाद ग्राहक की आवश्यकता अनुसार प्रलोभन देकर उनका आसान शर्तों पर लोन, इंश्योरेंस कराने का विश्वास दिलाकर उनसे कुल रकम का 10 से 15 प्रतिशत रुपये पहले ही ले लेते थे. रकम ट्रांसफर कराने के बाद ग्राहक से संपर्क ही तोड़ देते थे. कई बार लोन कराने अथवा लैप्स पॉलिसी को रिन्यू कराने के लिए काफी मोटी रकम वसूली जाती थी. गिरोह का सरगना बिना किसी लाइसेंस के फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहा था. उसके द्वारा अब करीब 6 करोड़ रुपये की ठगी पांच सौ से अधिक लोगों के साथ की जा चुकी है.
आरोपी बीटेक-एमए पास: गिरोह के सभी सदस्य पढ़े-लिखे हैं. गणेश ठाकुर बीए, प्रभाष झा बीबीए, मनीष कुमार झा इंटरमीडिएट, परवेज आलम बीए, शुभम यादव इंटरमीडिएट, ज्ञानेंद्र बीटेक, शबनम अर्थशास्त्रत्त् से एमए और आराधना ने बीएड किया हुआ है. गिरफ्त में आई महिलाओं को भी ठगी की पूरी जानकारी होती थी. सैलरी से इतर ठगी करने पर महिलाओं समेत अन्य आरोपियों को कमीशन भी मिलता था. लोगों को शक न हो इसके लिए ही महिला कर्मचारियों से कॉल कराई जाती थी. आरोपियों ने भारतीय रिजर्व बैंक व गवर्मेन्ट ऑफ इंडिया से संबंधित प्रपत्रों को गूगल से डाउनलोड कर प्रिंट आउट कराकर रखा था.
डेढ़ महीने पहले ही खोला था कॉल सेंटर: गिरोह के सरगना ने बताया कि नोएडा में उसने डेढ़ महीने पहले ही कॉल सेंटर खोला था. पूर्व में वह अलग-अलग जगहों पर कॉल सेंटर खोलकर लोगों के साथ ठगी कर चुका है. चार से छह महीने बाद आरोपी जगह बदल देते थे ताकि पकड़े न जाएं. उत्तर प्रदेश के बाहर के सभी राज्यों के लोगों को आरोपी निशाना बनाते थे. दूरी होने के कारण पीड़ित नोएडा पुलिस से मामले की शिकायत नहीं कर पाते थे.