Noida: अब आर-पार की लड़ाई के मूड़ में किसान

32 घंटे से किसानों के घेरे में डीएम दफ्तर

Update: 2024-10-16 05:43 GMT

नोएडा: कलेक्ट्रेट पर संयुक्त किसान मोर्चा के धरने की गतिविधियों ने फिर से किसानों की एकता और उनके संघर्ष को उजागर किया है। चंदा भाटी की अध्यक्षता में आयोजित इस अनिश्चितकालीन धरने में भारी संख्या में महिला-पुरुष किसान अपनी प्रमुख मांगों को लेकर एकजुट हुए।

किसानों ने सरकार के दबाव के बावजूद अपने मुद्दों पर अडिग रहने का संकल्प लिया, जो उनकी दृढ़ता और एकजुटता का प्रतीक है। धरने में शामिल किसानों में शिशांत भाटी, प्रशांत भाटी, गुरप्रीत एडवोकेट, भीम सिंह, अतुल, सुरेश यादव, गबरी यादव, राम सिंह नेताजी, निशांत रावल, सुरेंद्र भाटी और मनवीर भाटी जैसे कई प्रमुख सदस्य शामिल थे।

इस तरह के आंदोलनों से यह स्पष्ट होता है कि किसान अपने हक के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं और वे अपनी मांगों को लेकर गंभीर हैं।

धरनास्थल पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष दीपक चोटी वाला ने अपने नेतृत्व में दुष्यंत नागर, गौतम अवाना और अन्य साथियों के साथ किसानों को समर्थन दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि आवश्यकता होने पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को भी इस आंदोलन में शामिल किया जाएगा। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष बृजेश भाटी ने कहा, “यह संघर्ष आर-पार का है। हम जीत के बिना घर नहीं लौटेंगे।” इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने भी पूरा समर्थन दे दिया है।

जय जवान जय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील फौजी ने आंदोलन की रणनीति के बारे में जानकारी दी, जिसमें उन्होंने कहा कि यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। किसानों का संकल्प स्पष्ट है: वे अपनी मांगों को पूरा कराकर ही धरना समाप्त करेंगे।

किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने आंदोलन का मुख्य उद्देश्य बताते हुए कहा कि किसानों को 10% प्लॉट हासिल करना है। उनका दृढ़ निश्चय है कि वे किसी भी हाल में इस लक्ष्य को प्राप्त किए बिना पीछे नहीं हटेंगे।

किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ.रुपेश वर्मा ने कहा, “यह धरना 10 प्रतिशत आबादी प्लॉट, आबादियों के लीज बैक और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करवाने के लिए है। कमेटी ने फरवरी में गठन के बाद अगस्त में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन सरकार इसे अब तक सार्वजनिक करने में नाकाम रही है।” इस मौके पर किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने भी किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक रिपोर्ट की कॉपी नहीं मिल जाती, तब तक यह धरना समाप्त नहीं होगा।

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