Noida: अवस्थापना के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने तीनों प्राधिकरणों की बैठक ली
"चौराहों से जाम खत्म करने के निर्देश"
नोएडा: औद्योगिक विकास विभाग एवं अवस्थापना के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने तीनों प्राधिकरणों की बैठक ली. उन्होंने गंगाजल की मात्रा बढ़ाने और परी चौक समेत बड़े चौराहों पर जाम की समस्या खत्म करने के निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने आवंटित हो चुके भूखंडों में इकाई शुरू कराने के लिए.
प्रमुख सचिव ने जिले के तीनों प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठक की. सुबह करीब साढ़े दस बजे सबसे पहले नोएडा प्राधिकरण की बैठक शुरू हुई. प्रमुख सचिव ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के तहत और उससे पहले कितने उद्यमियों को भूखंड दिए, कितनों ने नक्शा पास कराया और कितनों ने क्रियाशील सर्टिफिकेट लिया, इसकी जानकारी ली. भूखंड लेने के बाद तय समय में क्रियाशील नहीं कराने वाले आवंटियों पर सख्ती बरतते हुए आवंटन निरस्त करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इससे निवेश और रोजगार कैसे बढ़ेगा.
उन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को कहा कि लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए परी चौक समेत शहर के सभी बड़े चौराहों के लिए ठोस योजना बनानी होगी. समय रहते इस समस्या का स्थायी समाधान करना होगा. उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा जैसी बसावट और ढांचागत संसाधन पूरे उत्तर भारत में नहीं है. यहां निवेश की असीम संभावनाएं हैं. निवेशकों को हर संभव सहयोग देकर निवेश के लिए आमंत्रित करें, ताकि रोजगार के अवसर खुलें. बड़ी कंपनियों के आने से युवाओं को अच्छा पैकेज मिलेगा. युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलने के साथ ग्रेटर नोएडा भी तरक्की करेगा. इस बैठक में एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, एसीईओ आशुतोष कुमार द्विवेदी, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ प्रेरणा सिंह, ओएसडी अभिषेक पाठक, जीएम वित्त विनोद कुमार, जीएम प्लानिंग लीनू सहगल, जीएम प्रोजेक्ट एके सिंह, ओएसडी एनके सिंह, डीजीएम वित्त अभिषेक जैन, ओएसडी गिरीश कुमार झा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
जमीन अधिग्रहित कर ग्रेटर नोएडा फेज-2 को विकसित करें : प्रमुख सचिव ने कहा कि आबादी, लीजबैक और किसानों से जुड़े मसलों को प्राथमिकता से हल किया जाए. किसानों से जमीन लेकर ग्रेटर नोएडा का विस्तार किया जाए. ग्रेटर नोएडा फेज-2 के लिए जमीन अधिग्रहित कर विकसित करें और बड़े निवेशकों को निवेश के लिए आमंत्रित करें. प्रमुख सचिव ने कहा कि बड़ी कंपनियों के आने से तमाम छोटी कंपनियां खुद ही आने लगेंगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली, नोएडा और यीडा सिटी के बीच में बसावट होने और मजबूत ढांचागत का लाभ उठाते हुए ग्रेटर नोएडा को उत्तर भारत में आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश का प्रमुख केंद्र बनाया जा सकता है.