Noida: साइबर अपराधियों ने केमिकल भेजने के नाम पर कंपनी से एक करोड़ हड़पे

आयात होने वाले कुल माल का 30 प्रतिशत भुगतान करा लिया और फिर संपर्क तोड़ दिया

Update: 2024-12-14 09:03 GMT

नोएडा: साइबर अपराधियों ने केमिकल भेजने का सौदा कर शहर की कंपनी से करीब एक करोड़ रुपये हड़प लिए. जालसाजों ने नीदरलैंड की कंपनी का कर्मचारी बनकर ई-मेल और फोन कॉल के जरिये संवाद किया. आयात होने वाले कुल माल का 30 प्रतिशत भुगतान करा लिया और फिर संपर्क तोड़ दिया. साइबर अपराध थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

आशीष ने पुलिस को बताया कि वह सेक्टर-57 के बी ब्लॉक स्थित न्यू ऐज टैक्सी रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के सेल्स विभाग में एवीपी के पद पर कार्यरत हैं. उनकी कंपनी केमिकल का आयात और निर्यात करती है. सितंबर में उन्होंने नीदरलैंड की एसएबीआईसी (सैबिक) नामक कंपनी से 500 मीट्रिक टन केमिकल मंगवाने का निर्णय लिया.

ई-मेल के माध्यम से केमिकल खरीदने के लिए उन्होंने एक फार्म भरा. उसके दो दिन बाद ही ई-मेल आया. सैबिक का ई-मेल और दो दिन बाद आए ई-मेल में मामूली अंतर था, जिसे ध्यान से देखने पर ही पता चल सकता है. ई-मेल करने वाले ने एक अन्य फार्म ऑनलाइन भरवाया. मोलभाव होने के बाद कंपनीकर्मी ने बताया कि उन्हें केमिकल तब भेजा जाएगा, जब वह कुल रकम तीन करोड़ 31 लाख 62 हजार 63 रुपये का 30 प्रतिशत पहले भुगतान करेंगे. शेष 70 प्रतिशत रकम का भुगतान माल पहुंचने पर करना होगा. सौदा तय होने के बाद उनकी कंपनी ने दो बार में 30 प्रतिशत रकम दो बैंक खातों में 99 लाख 48 हजार 619 रुपये ट्रांसफर कर दिए. रकम मिलने के बाद आरोपी ने संपर्क तोड़ दिया.

विश्व स्तर पर केमिकल सप्लाई करती है कंपनी सेक्टर-57 स्थित कंपनी के एमडी करन चैची ने बताया कि सैबिक नामक कंपनी का मुख्यालय दुबई है. इस कंपनी के कई देशों में कार्यालय हैं. एक कार्यालय हरियाणा के गुरुग्राम में भी है. यह कंपनी विश्व के कई देशों में केमिकल की सप्लाई करती है. कंपनी के पास बड़ी लीगल टीम भी है, जो इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने का प्रयास करती रहती है. एफआईआर दर्ज कराने के बाद इसकी सूचना संबंधित कंपनी को भी दे दी है. उम्मीद है कि साइबर अपराध करने वाले लोग जल्द पकड़े जाएं.

पुर्तगाल के बैंक खाते में रकम ट्रांसफर कराई: शिकायतकर्ता ने बताया कि जालसाजों ने उन्हें भुगतान के लिए पुर्तगाल के बैंक खाते दिए. जब उन्होंने कहा कि कंपनी का ऑफिस तो नीदरलैंड में है और वह पुर्तगाल के बैंक खाता नंबर क्यों भेज रहे हैं तो जालसाज ने कहा कि कंपनी का वेयर हाउस पुर्तगाल में है. भुगतान वहीं के बैंक खाते में करना होगा. विश्वास करके उन्होंने भुगतान कर दिया.

विदेशी एजेंसी से भी शिकायत की गई

पीड़ित ने बताया कि केमिकल का सौदा 3,55,000 यूरो में हुआ. इसके 30 प्रतिशत भुगतान दो बार में यूरो में किया गया. एक बार में 54 हजार और दूसरी बार में 52,500 यूरो भेजे. पीड़ित का दावा है कि उन्होंने नीदरलैंड पुलिस, यूरोप के इंटरपोल ब्यूरो के साइबर सेल, डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड, नीदरलैंड स्थित भारतीय एंबेसी, मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स में भी शिकायत दर्ज कराई है.

कार्यालय का निरीक्षण कराने से इनकार किया

शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उन्हें संदेह हुआ तो उन्होंने जर्मनी में रहने वाले दोस्त से संपर्क किया. उससे नीदरलैंड स्थित कंपनी के ऑफिस जाने के लिए कहा. यह जानकारी जब उन्होंने ठग को दी तो उसने दोस्त को नीदरलैंड भेजने और मिलने से इनकार कर दिया. पीड़ित ने ठगी का अहसास होने पर ऑनलाइन नीदरलैंड स्थित कंपनी के ऑफिस का नंबर खोजकर बात की तो पर्दाफाश हुआ.

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