उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर! यूपी के बिजली दरों में नहीं होगी बढ़ोतरी
बिजली दरों में कमी का मुद्दा सोमवार को हुई राज्य सलाहकार समिति की बैठक में भी उठा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिजली दरों में कमी का मुद्दा सोमवार को हुई राज्य सलाहकार समिति की बैठक में भी उठा। औद्योगिक क्षेत्र ने भी टैरिफ न बढ़ाए जाने की मांग उठाई। वहीं पूर्व सरकार में निजी कंपनी टोरंट पावर से किए गए करार पर सवाल उठे। कहा गया कि बीएसटी से कम दर पर किया गया एग्रीमेंट बड़े घोटाले को देता है। इस पर पुर्नविचार होना चाहिए। नोएडा पावर कारपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीएल) में भी दरें घटाने की मांग उठी। बैठक से बिजली दरों में बढ़ोतरी न होने के संकेत मिले हैं।
राज्य विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह, सदस्य कौशल किशोर शर्मा व विनोद कुमार श्रीवास्तव की उपस्थिति में हुई बैठक में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों पर प्रदेश के उपभोक्ताओं के 22045 करोड़ रुपये निकल रहे हैं। इसके एवज में अगले 5 वर्षों तक 7 प्रतिशत बिजली दरों में कमी होनी चाहिए। केवल बिजली कंपनियों द्वारा यह कहना कि मामला एपटेल में है यह उचित नहीं है। सिर्फ मुकदमा दाखिल करने से कार्यवाही नहीं रुकती।
नोयडा पावर कंपनी के ऊपर ग्रेटर नोयडा क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं के निकल रहे 1176 करोड़ रुपयों के एवज में बिजली दरों में कमी के लिए रेग्यूलेटरी लाभ देने की बात कही गई। परिषद ने कहा बिजली दरों में कमी हो अन्यथा एनपीसीएल के ऊपर निकल रहे 1176 करोड़ रुपये को आयोग अपने खाते में ट्रांस्फर करे। यदि एक साल बाद इनको पुनः लाइसेंस न मिला तो उपभोक्ताओं का क्या होगा। समिति के सदस्य डा. भरतराज सिंह व दीपा जैनानी द्वारा भी परिषद का समर्थन किया। वहीं सदस्यों के विरोध के चलते पावर कारपोरेशन इस बैठक में भी स्लैब परिवर्तन का प्रजेंटेशन नहीं कर सका।
उपभोक्ता नहीं भुगतेंगे बिजली कंपनियों की गलतियों का खामियाजा
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने आयोग से कहा रिवैम्पड योजना में जो केंद्र सरकार ने वितरण हानियां अनुमोदित की है उसे आयोग मान ले जिस पर आयोग चेयरमैन ने कड़ा ऐतराज करते हुए कहा बिल्कुल भी नहीं। आयोग द्वारा बिजनेस प्लान में अनुमोदित हानियां ही ली जाएंगी। किसी भी अक्षमता का खामियाजा प्रदेश के उपभोक्ता नहीं भुगतेंगे।
उद्योगों ने मांगी सस्ती बिजली
प्रदेश में ग्रीन टैरिफ लागू करने के मुद्दे पर सदस्यों ने कहा कि यह व्यवस्था वैकल्पिक होगी। जो उपभोक्ता ग्रीन टैरिफ का आप्शन लेना चाहे लें। इसको अगले वित्तीय वर्ष तक देखा जाना उचित रहेगा। इंडियन इंडस्ट्री एसोसियेशन के प्रतिनिधि ने कहा उद्योगों की बिजली दरें प्रदेश में बहुत ज्यादा हैं, उसमें कमी किया जाना बहुत जरूरी है अन्यथा की स्थिति में पलायन की स्थिति आएगी। उनके द्वारा उदय के आंकड़े पेश किए गए जिस पर आयोग चेयरमैन ने कहा कि इस पर आयोग अपने तरीके से देखेगा। उन्होंने क्रास सब्सिडी का मुददा भी उठाया। परिषद अध्यक्ष ने पावर कारपोरशन अध्यक्ष व उनकी पूरी टीम द्वारा भ्रष्टाचार पर चलाये जा रहे अभियान की सराहना की। नियामक आयोग के सदस्य विनोद कुमार श्रीवास्तव ने स्वतः विभागीय कार्मिकों के घरों में मीटर लगाने का मुदद उठा दिया। इस पर उपभोक्ता परिषद ने 15 गुना तक जुर्माना बढ़ाए जाने की मांग उठाई।
टोरंट से जुड़ा मामला गंभीर, सरकार देखे
परिषद ने बैठक में टोरंट पावर का मुददा उठाते हुये कहा पिछली सरकार में यह एग्रीमेंट बल्क सप्लाई से कम टैरिफ पर दिया गया एक बड़ा घोटाला है। जिसके पैरामीटर पर पुनर्विचार होना चाहिए। टोरंट आंकड़ों को छिपाकर लाभ कमा रहा है। जिसकी इंटरनल आडिट कराई जानी चाहिए। जिस पर आयोग चेयरमैन ने प्रमुख सचिव ऊर्जा से कहा कि यह गंभीर मामला है, इसे सरकार देखे। प्रमुख सचिव ने कहा यह मामला विधानसभा की एक कमेटी में भी आया है जिस पर सरकार उचित निर्णय करेगी। समिति के सदस्य डा. विजयराज सिंह ने ठगों द्वारा साइबर क्राइम के तहत एसएमएस भेजकर उपभोक्ताओं से ठगी किये जाने का मुददा उठाया।