NCR Ghaziabad: डीएम ने ऋण स्वीकृत नहीं करने पर बैंक अफसरों को 4 घंटे रोककर रखा
गाजियाबाद: मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत ऋण स्वीकृत नहीं होने पर डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने बेहद सख्त रुख दिखाया। विकास भवन सभागार में बृहस्पतिवार की शाम अभियान की प्रगति की समीक्षा के दौरान उन्होंने फरमान सुना दिया कि ऋण स्वीकृत होने तक किसी भी बैंक अफसर को सभागार से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा।
उन्होंने सिर्फ कहा नहीं, ऐसा किया भी। इसका जबरदस्त असर भी हुआ। शाम पांच से नौ बजे के बीच सिर्फ चार घंटे के भीतर ही 98 उद्यमियों के पांच-पांच लाख के ऋण स्वीकृत हो गए। इसके बाद बैंक अफसरों को वहां से जाने दिया गया। सभागार के बाहर निकल कर बैंक अफसरों ने राहत की सांस ली और बोले, आज तो बहुत बुरे फंसे।
डीएम के गुस्से का पारा तब चढ़ा जब शाम पांच बजे उनके सामने ऋण की फाइल रखी गई। इससे पता चला कि लक्ष्य 24 जनवरी तक 500 उद्यमियों को ऋण देने का है, जबकि अब तक सिर्फ 50 की ही स्वीकृति हो पाई है। यह लक्ष्य का महज दस फीसदी है। हद की बात यह थी कि सात दिन पहले बैठक में बैंक अफसरों को चेतावनी दी गई थी कि अगर ऋण स्वीकृति में देरी हुई तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके बावजूद सात दिन में सिर्फ 37 उद्यमियों के ऋण मंजूर किए गए।
उद्योग उपायुक्त श्रीनाथ पासवान ने बताया कि बैंकों के पास आवेदन सात दिन से ज्यादा समय से लटके हुए हैं। बैंकों के पास औपचारिकता पूरी करके 403 उद्यमियों की फाइल भेजी गई है। इस पर डीएम ने आदेश दिया कि किसी भी बैंक अधिकारी को सभागार से तभी बाहर जाने दिया जाए, तब वह ऋण स्वीकृत कर दे। शाम पांच से रात नौ बजे तक 98 ऋण स्वीकृत हो गए। इस तरह अब तक कुल 148 उद्यमियों के ऋण स्वीकृत हो गए हैं।