लखनऊ में दो से चार नवंबर तक खाद्य प्रसंस्करण की राष्ट्रीय प्रदर्शनी का होगा आयोजन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में अगामी 02 से 04 नवंबर तक कृषि उत्पादों के खाद्य प्रसंस्करण की राष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन किया है। कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि तीन दिन तक चलने वाली यह प्रदर्शनी लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित की जायेगी। उन्होंने कहा कि देश भर में खाद्य एवं कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण क्षेत्र में कार्यरत किसान एवं उद्यमी इसमें शिरकत करेंगे। इनमें मोदीपुरम स्थित आलू शोध संस्थान सहित देश के अन्य अग्रणी संस्थान भी प्रदर्शनी में शामिल होंगे। सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कार्यरत लगभग 1500 लोग भी प्रदर्शनी में शामिल होंगे।इनमें वे लाभार्थी भी शामिल हैं, जिन्होंने पिछले एक दो सालों में खाद्य प्रसंस्करण उद्यम लगाने के लिये एमएसएमई से ऋण लिया है।
उन्होंने कहा कि उप्र की 20 लाख करोड़ रुपये की कुल अर्थव्यवस्था में 4.5 लाख करोड़ रुपये का योगदान कृषि क्षेत्र और लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का योगदान खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 70 हजार यूनिट एमएसएमई में पंजीकृत हैं। इसके उलट लगभग 20 लाख यूनिट गैरपंजीकृत होने के कारण ये असंगठित क्षेत्र में शामिल हैं। सिंह ने कहा कि पूरे देश में वस्त्र उद्योग के बाद खाद्य प्रसंस्करण एवं एमएसएमई क्षेत्र दूसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता क्षेत्र है। उन्होंने इस प्रदर्शनी का महत्व बताते हुए कहा कि आम, आलू और तरबूज सहित 15 कृषि उत्पादों का देश में सर्वाधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है।
देश में कुल गेंहू उत्पादन का 34 प्रतिशत उत्पादन उप्र में होता है। इससे स्पष्ट है कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उप्र में असीमित संभावनायें हैं। इसके मद्देनजर खाद्य प्रसंस्करण एवं एमएसएमई क्षेत्र में लगे असंगठित क्षेत्र के उद्यमियों के लिये यह प्रदर्शनी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी।