बुन्देलखण्ड न्यूज़: उत्तरप्रदेश में बुन्देलखण्ड के हमीरपुर जिले में इस साल आसाढ़ का महीना सूखा बीत गया और सावन शुरू होने के बाद भी बरसात ना होने से सूखे जैसे हालात दिख रहे हैं। बरसात का एक महीना बीत जाने के बाद भी यहां पानी नहीं बरसा है। नदी नाले पोखर तालाब सब सूख गए हैं, जिसको देख कर जनमानस घबरा उठा है और अपने अपने धर्म के हिसाब से कुदरत को खुश करने की कोशिश कर रहा है। उसी के तहत गुरुवार को हमीरपुर में सैकड़ों लोगों ने खुले मैदान में नमाज़ पढ़ी है और जल्द बारिश के लिए दुआ की है। हमीरपुर जिले सहित सूबे में अच्छी बारिश हो इसके लिए गुरुवार को मुस्लिम समाज के लोगों ने चिलचिलाती धुप में खुले मैदान में नमाज अदा की है। जिसका आयोजन मौदहा कसबे के रहमानिया ग्राउंड में किया गया था। इस नमाज को अदा करने के लिए कसबे के सैकड़ों लोग पहुंचे हुए थे। जहां सबने दो रिक्त नमाज पढ़ते हुए अच्छी बारिश के लिए दुआ की। नमाज पढ़ाने पहुंचे मुफ़्ती मुहम्मद हातिम ने कहा की जब हमसे गुनाह हो जाते हैं तो कुदरत हमसे नाराज़ हो जाती है। उन्ही गुनाहों की माफी मांगने के लिए जंगलों में जाकर नमाज पढ़ी जाती है, और अपने गुनाहों की माफी मांगी जाती है। आज जो नमाज पढ़ी गई है वह तीन दिनों तक पढ़ी जायेगी ताकि कुदरत हमारी गलतियों को माफ़ करे और अच्छी बारिश हो।
हमीरपुर जिला जो खेती किसानी पर आधारित है। वहां बारिश के नाम पर अभी तक सिर्फ बूंदा-बंदी ही हुई है। नदी नाले कुवें पोखर तालाब सब सूख चुके हैं। इंसान तो जैसे तैसे पानी उपलब्ध करा ले रहा है, लेकिन जानवरों की आफत आ गई है जो पानी के लिए दर-दर भटकते दिखाई दे रहे हैं। जिसको देख कर किसानों सहित आम आदमी घबराया हुआ है और अपने-अपने हिसाब से कुदरत को खुश करने की कोशिश में लगा है।