नगर पंचायत नए आरक्षण के लिए मांगा गया विवरण, फर्जी अंकपत्र लगा बन गया ग्राम प्रधान

Update: 2023-01-18 07:50 GMT

इलाहाबाद न्यूज़: नगर पंचायतों के चुनाव को लेकर उच्च न्यायालय में मामला उलझा तो सीएम ने आयोग गठित कर दिया. आयोग ने नए सिरे से आरक्षण के लिए नगर पंचायतों से आरक्षण का विवरण मांगा है.

नगर पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने पर चुनाव कराने के लिए आरक्षण की अधिसूचना जारी होते ही लोगों ने उच्च न्यायालय में आरक्षण को चुनौती दी. उच्च न्यायालय में आरक्षण का पेच फंसा तो सीएम योगी ने आयोग का गठन कर दिया. आयोग को तीन महीने में आरक्षण की रिपोर्ट शासन को सौंपनी है. इसके लिए नगर पंचायतों के ईओ से 1995 से अब तक हुए चुनावों में लागू किए गए आरक्षण का पूरा विवरण मांगा है. कुंडा, मानिकपुर नगर पंचायतों में 1995 में अब तक हुए चुनाव में ओबीसी को कब और कितना आरक्षण का लाभ मिला है यह भी जानकारी मांगी गई है. कई अन्य जानकारियां आयोग ने मांगी है. नगर पंचायत मानिकपुर के अधिशाषी अधिकारी सुशील रघुवंशी का कहना है नगर पंचायतों के नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया को लेकर आयोग ने 1995 से अब तक हुए चुनावों की कई अहम जानकारी मांगी है.

पंचायत चुनाव में फर्जी अंकपत्र लगाकर ग्राम प्रधान बनने के बाद शिकायत हुई तो मामला गरमा गया. जांच के बाद पुलिस ने आरोपित ग्राम प्रधान के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. दिलीपपुर थाना क्षेत्र के बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक के खमपुर गांव निवासी सरवर खान ने एसपी से शिकायत की है. आरोप है कि गांव के मौजूदा प्रधान इसरत अली ने कक्षा आठ पास का अंकपत्र फर्जी बनवाकर पंचायत चुनाव शपथपत्र दिया है. जिस विद्यालय से अंकपत्र को फर्जी बनवाया गया है. उन्होंने कभी उस में शिक्षा ग्रहण भी नहीं की.

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