Muzaffarnagar: डिग्री व डिप्लोमा वाले डॉक्टरों ने बीजेपी नेता गौरव स्वरुप से मांगी मदद

CMO लगवा रहे छापे

Update: 2024-10-07 04:30 GMT

मुजफ्फरनगर: स्वास्थ्य विभाग पर उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए गांव-देहात और शहरी क्षेत्र में चिकित्सा सेवा प्रदान कर अपने छोटे-छोटे क्लीनिक चलाने वाले चिकित्सकों ने शनिवार सुबह वरिष्ठ भाजपा नेता गौरव स्वरूप से मुलाकात करते हुए अपनी पीड़ा रखी और डिग्री व डिप्लोमा वाले चिकित्सकों के खिलाफ अनावश्यक रूप से हो रही कार्यवाही को लेकर रोष जताया। गौरव स्वरूप की मध्यस्था के कारण अब सीएमओ ने चिकित्सकों को वार्ता के लिए सोमवार को बुलाया है।

जनपद में शहर से लेकर देहात क्षेत्र में कुछ महिला चिकित्सकों के क्लीनिक पर हुई मौतों के बाद से सक्रिय हुए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चिकित्सकों पर की जा रही छापामार कार्यवाही से परेशान चिकित्सकों ने शनिवार को सवेरे नई मंडी पटेलनगर पहुंचकर वरिष्ठ भाजपा नेता गौरव स्वरूप से मुलाकात की और अपनी समस्या को उनके सामने रखा।

डीयूएम डॉक्टर्स संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. हारून रशीद के नेतृत्व में आये चिकित्सकों ने गौरव स्वरूप को बताया कि सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अनावश्यक रूप से डिग्री और डिप्लोमा डॉक्टर्स को छापों के नाम से डराकर परेशान किया जा रहा है। आरोप लगाया कि निरीक्षण करने आने वाली टीम तरह तरह का दबाव बनाकर उत्पीडऩ कर रही है और इससे चिकित्सकों में रोष है।

डॉ. हारून रशीद ने कहा कि वो किसी भी झोलाछाप चिकित्सक का समर्थन करने के लिए नहीं कह रहे हैं, लेकिन जो बीएमएस, बीयूएमएस और पुराने डीयूएम डिग्री व डिप्लोमा डॉक्टर्स हैं, उनको इन छापों के नाम पर बिना वजह परेशान करना बंद किया जाये।

उन्होंने बताया कि डीयूएम डॉक्टर्स का रजिस्ट्रेशन 2०18 तक सीएमओ द्वारा किया जाता रहा है, लेकिन सरकार के द्वारा इसी बीच रोक लगा दी गई तो रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया, इसके खिलाफ कोर्ट में वाद दायर होने पर हाईकोर्ट ने स्टे जारी कर रखा है। प्रकरण में सरकार द्वारा जांच और कोर्ट में सुनवाई विचाराधीन है। ऐसे में डिग्री और डिप्लोमा डॉक्टर्स का उत्पीडऩ किया जाना न्यायसंगत नहीं है।

इस पर रोष जताते हुए चिकित्सकों ने भाजपा नेता गौरव स्वरूप से मांग करते हुए कहा कि अनावश्यक रूप से छापों को बंद कराया जाये। गौरव स्वरूप ने चिकित्सकों की समस्या को लेकर कहा कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की जा रही कार्यवाही के प्रति उनमें इस बात पर रोष था कि कोर्ट केस होने के बावजूद भी उन पर छापा मारते हुए उत्पीडऩ के साथ ही बदनाम किया जा रहा है। सीएमओ से वार्ता कर चिकित्सकों की समस्याओं को सुनने के लिए कहा गया है।

गौरव स्वरूप के प्रयास पर सीएमओ ने सोमवार को कोर्ट केस फाइल के साथ वार्ता के लिए बुलाया है। इस पर डीयूएम डॉक्टर्स संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. हारून रशीद ने उनका आभार जताया। इस दौरान मुख्य रूप से डॉ. नितिन प्रताप, डॉ. खुर्रम, डॉ. अब्दुल अलीम, डॉ. शाहिद कुरैशी, डॉ. जावेद, डॉ. जमशेद, डॉ. सुलेमान, डॉ. अरशद हाशमी, डॉ. इस्लाम सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।

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