Muzaffarnagar: रेशू विहार रेलवे अंडरपास का निर्माण शुरू हुआ

एक वर्ष में होगा तैयार

Update: 2024-11-23 10:10 GMT

मुजफ्फरनगर: रेशू विहार रेलवे फाटक पर अंडरपास का काम शुरू हो गया है। विश्व की नवीनतम तकनीक से बनने जा रहे रेशू विहार अंडरपास को गिरिराज कंस्ट्रक्शन कम्पनी बना रही है। लगभग 8 करोड़ की कीमत से बनने जा रहा अंडरपास शहर की यातायात व्यवस्था में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान देगा।

गिरिराज कम्पनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज संजीव कुमार ने बताया कि रेशू विहार चौक से श्रीराम कॉलेज तक बनने वाला अंडरपास लगभग 280 मीटर लंबा होगा। जो रेशू विहार रेलवे फाटक से रेशू विहार चौक तक 120 मीटर लंबा होगा। दूसरी ओर श्रीराम कॉलेज तक 160 मीटर लंबा होगा। जिसको बनाने में लगभग 10 माह लगेगे।

निरीक्षण आदि के बाद रेशू विहार अंडरपास को आमजन के लिए दीपावली 2025 पर खोल दिया जायेगा। कुल 21 मीटर चौड़े रास्ते में से दीवार सहित 9 मीटर चौड़ा अंडरपास बनेगा, जिसमें से 8 मीटर चौड़ा अंडरपास यातायात के लिए खोला जायेगा। 6-6 मीटर दोनो तरफ सर्विस रोड़ बनेगी। जिसमें यूटर्न के साथ इन्द्रप्रस्थ कॉलोनी, रेशू विहार फाटक के दोनो तरफ रहने वालो की सुविधा को ध्यान रखकर बनाया जायेगा। अंडरपास बनने तक आने – जाने की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहेगी।

अंडरपास को बरसात के पानी से बचाने के लिए कवर्ड किया जायेगा। साथ ही अंडरपास में हवा, पानी, प्रकाश, साफ-सफाई आदि का पूर्ण ध्यान रखा जायेगा। अंडरपास के बीचो – बीच रेलवे लाइन के नीचे बरसात के पानी को निकालने के लिए अत्याधुनिक व्यवस्था की जायेगी। जिससे पानी साफ होकर पुन: समुद्र तल में मिल जायेगा।

अंडरपास के बीच में पुलिस आदि के बैठने की व्यवस्था सुरक्षा कारणों से रहेगी। सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए अंडरपास के बीच से आपातकालीन स्थिति में बाहर आने के लिए सीढिय़ा आदि भी बनाई जायेगी। दोनो तरफ की मिट्टी के कटान को रोकने व अंडरपास को शीघ्र निर्माण के लिए सिटपाइल की व्यवस्था की गई है। एक सिटपाइल की लम्बाई व चौड़ाई लगभग 40&2 फीट है।

जिसको लगाने का काम आजकल रेशू विहार फाटक पर तेजी से शुरू हो चुका है। जिसे आमजन बड़ी उत्सुकता से देखने आ रहे है। भारत में सिटपाइल का निर्माण टाटा एवं जिंदल कर रहे है। जो जापान तकनीक से अब भारत में ही निर्मित हो रही है। रेल मंत्रालय के शिवाजी ब्रिज स्टेशन स्थित ब्रिज कॉरपोरेशन के अनुसार बरसात का ज्यादा पानी निकालने के लिए समरसेबल पम्प भी लगाये जायेगे।

अंडरपास को बनाने का मुख्य उददे्श्य यातायात को व्यवस्थित करना, रेलवे क्रोसिंग को बंद करना, ट्रेनो की स्पीड़ बढ़ाना व देश के विभिन्न कोनो से उत्तराखण्ड एवं पंजाब के लिए नई ट्रेने चलाना है।

गिरिराज कंस्ट्रक्शन कम्पनी मूल रूप से आगरा की है, जो भारतीय रेल के लिए अंडरपास बनाने में विशेषज्ञता रखती है। प्रोजेक्ट मैनेजर संजीव कुमार का कहना है कि हर तरह की सुविधाओ की साथ अंडरपास में पेन्टिंग, रात्रि लाइट आदि की भी अत्याधुनिक व्यवस्था की गई है। जिससे आने वाले समय में किसी भी प्रकार की असुविधा आमजन को न हो सके।

सत्यप्रकाश रेशू का मानना है कि जिस प्रकार से अंडरपास को 120 फीट लम्बा रेशू चौक तक बनाया जा रहा है। वह एक्सीडेंट के लिए घातक सिद्ध होगा। इसलिए रेशू विहार रेलवे अंडरपास नवीनतम तकनीक से बन रहे 80 मीटर वाले अंडरपास की विधि से बनना चाहिए।

इस अवसर पर भारत वीर प्रधान, जयवीर, कमल मित्तल सिसौली, अनुज बालियान, जयदीप, केशोराम, प्रदीप निर्वाल, विपुल, आदि उपस्थित रहे। लंबे समय तक रेशू विहार क्षेत्रवासी अंडरपास व फ्लाई ओवर को लेकर संघर्ष करते रहे। काफी जद्दोजहद के बाद रेशू विहार रेलवे अंडरपास का काम अब युद्ध स्तर पर शुरू हो चुका है।

Tags:    

Similar News

-->