जेल से छूटे युवक की हत्या कर देवहा नदी में फेंका, भुता पुलिस ने बरती लापरवाही

Update: 2023-01-13 11:09 GMT

बरेली न्यूज़: बरेली जिला जेल से छूटे हत्यारे का शव सात दिन बाद बीसलपुर थानाक्षेत्र के शेखापुर गांव के पास देवहा नदी से बरामद हुआ. परिजनों ने जेल से छूटे एक अन्य युवक पर अपहरण के बाद हत्या कर शव नदी फेंकने का आरोप लगाया है.

बीसलपुर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, जिसमें डूबने से मौत की पुष्टि हुई है. वहीं, परिजनों ने भुता पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि भुता पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज नहीं की. मूल रूप से बरेली के फरीदपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम धौरहरा निवासी 35 वर्षीय प्रेमप्रकाश वर्ष 2006 से हत्या के एक मामले में बरेली जिला जेल में बंद था. जब उसे जेल भेजा गया था तब उसकी उम्र 17 साल थी. तीन जनवरी को सजा पूरी होने के बाद वह जिला कारागार से रिहा हुआ. इसके बाद वह घर नहीं पहुंचा. उसकी रिहाई की जानकारी परिजनों को भी नहीं हुई. परिजनों का कहना है कि उन्हें यह जानकारी थी कि 26 जनवरी को प्रेमप्रकाश रिहा होगा मगर वह इससे पहले ही तीन जनवरी को रिहा हो गया. जब वह घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने खोजबीन शुरू कर दी. इधर बीसलपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम रसूला के नजदीक से बह रही देवहा नदी में युवक का शव पड़ा मिला. शव पड़े होने की सूचना पर तमाम लोग एकत्र हो गए. सूचना पुलिस को दी गई तो बीसलपुर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची.

वहीं सूचना पर फरीदपुर से मृतक प्रेमप्रकाश के परिजन पहुंचे और मृतक की शिनाख्त प्रेमप्रकाश के रूप में की. मृतक के भाई पूणेन्द्रू प्रताप ने बताया कि उसके भाई के साथ बरेली के भुता कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का निवासी युवक भी जेल से रिहा हुआ था. जानकारी में आया है कि युवक के रिश्तेदार के यहां उसका भाई रात में रुका भी था. उन्होंने अपने भाई की हत्या कर देने का आरोप लगाते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की है. प्रभारी निरीक्षक बीसलपुर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.

आठवीं पास प्रेम प्रकाश ने जेल में रहकर की थी पढ़ाई गांव के एक युवक की हत्या के आरोप में जेल की सजा काट रहे प्रेम प्रकाश ने जेल में रहकर हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की थी.

परिजनों ने बताया कि भुता के एक मूंगफली वाले के ठेले पर युवक ने बैग मिले थे. इसके बाद मृतक के चाचा रविंद्र चौहान ने भुता थाने में तहरीर देते हुए 3 लोगों पर हत्या किए जाने का शक जताया था. पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर, कुछ घंटे बाद छोड़ दिया. रविंद्र चौहान का कहना है कि पुलिस ने उन्हें फटकार कर भगा दिया था. गुमशुदगी तक दर्ज नहीं की. परिजन पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.

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