नगर निगम के अधिकारियों ने जांच कर रिपोर्ट देने की फाइलें दबाई
सैकड़ों प्रमाण पत्र अटके
मथुरा: जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जांच के फेर में फंस गए हैं. नगर निगम के अधिकारियों ने इनकी जांच कर रिपोर्ट देने की फाइलें दबा दी हैं. इस वजह से सभी जोनों और एसडीएम के यहां 1173 से अधिक लोगों के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र फंसे हैं. लोग भटक रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है. बिना नगर निगम की रिपोर्ट एसडीएम कार्यालय से जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनेगा.
जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया में काफी दिनों पहले बदलाव कर दिया गया था. पहले से इसे बनवाना जटिल था. अब और जटिल हो गया है. अकेले नगर निगम के पास रहने पर जैसे-तैसे सुविधा शुल्क देकर लोग जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लेते थे. निगम के शोषण से बचाने के लिए शासन ने एक वर्ष से अधिक पुराने सभी जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की जिम्मेदारी सम्बंधित तहसीलों के एसडीएम को दे दी गई थी. अब फिर सारा दारोमदार नगर निगम पर आ गया है. एक वर्ष से पुराने जितने भी जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने आते हैं, उसकी जांच कराई जा रही है. संबंधित तहसीलों के एसडीएम नगर निगम को जांच के लिए भेजते हैं. नगर निगम से जांच रिपोर्ट आने पर ही वह फाइलें आगे बनाते हैं. मगर नगर निगम ने तमाम लोगों की जांच रिपोर्ट दबा रखी है. इस वजह से लोगों के प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं. सभी जोनों और एसडीएम कार्यालय को मिलाकर 1173 से अधिक लोग जन्म, ,मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे हैं.
जोन एक और की स्थिति ज्यादा खराब: जोन एक और की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. यहां का काम अपर नगर आयुक्त ललित कुमार देखते हैं. इसके बावजूद यहां काफी लोगों के प्रमाण पत्र के जांच प्रकरण लंबित हैं. अफसर लोगों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. इस वजह से लोग भटकने को मजबूर हैं.