Moradabad: दो युवको ने रिटायर्ड दरोगा की कर दी हत्या, छत से फेंका शव

Update: 2025-02-10 11:18 GMT
Moradabad मुरादाबाद। मझोला थाना क्षेत्र में एक सेवानिवृत्त दरोगा की हत्या कर दी गई। हत्या करने वाले रिटायर्ड दरोगा का मकान बना रहे राज मिस्त्री और मजदूर ही निकले। जिसमें एक मजदूर कामकाज के दौरान बार-बार दरोगा की डांट से इस कदर खफा था कि मरने के बाद भी दरोगा पर बल्लियां बरसाता रहा। पुलिस ने वारदात में शामिल तीन लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा करेगी।
यह वारदात बीती 19 जनवरी को मझोला थाना क्षेत्र में लाकड़ी बाईपास एरिया में हुई थी। सहारनपुर से सेवानिवृत्त हुए दरोगा अतेंद्र सिंह मुरादाबाद के बुद्धि विहार में परिवार के साथ रहते थे। दरोगा ने अपनी जमा पूंजी से लाकड़ी बाईपास इंडस्ट्रियल एरिया में एक प्लॉट खरीदा था। जिस पर वह रेंट पर देने के लिए इन दिनों हॉल का निर्माण करा रहे थे। 19 जनवरी को इस बिल्डिंग का निर्माण कर रहे राजमिस्त्री ने दरोगा के बेटे को कॉल करके कहा कि आपके पिता अचानक छत से गिर गए हैं, तुरंत आ जाइए। बेटा मौके पर पहुंचा तो दरोगा बेसुध हालत में नीचे पड़े थे। उनकी सांसें थम चुकी थीं। लेकिन जिंदगी की आस में बेटा तुरंत अपने पिता को लेकर साईं अस्पताल पहुंचा। जहां गाड़ी में ही स्टाफ ने देखकर दरोगा को मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद परिजनों ने दरोगा का अंतिम संस्कार भी कर दिया। करीब 15 दिन बाद 6 फरवरी को दरोगा के बेटे ने ध्यान दिया कि उसके पिता हमेशा सोने की चेन और अंगूठी पहने रहते थे। क्रिमिनेशन के समय दोनों गायब थीं। दरोगा का बेटा मझोला थाने पहुंचा और उसने पुलिस से शक जाहिर किया कि संभवतः उसके पिता के छत से गिरने के बाद मजदूरों ने या फिर अस्पताल में चेक करते अस्पताल स्टाफ ने उसके पिता की सोने की चेन और अंगूठी उतारकर रख ली है। पिता की आखिरी निशानी के तौर पर दरोगा के बेटे ने पुलिस से दोनों चीजों को ढूंढने की गुजारिश की।
पुलिस ने राजमिस्त्री और मजदूरों से ही पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान राजमिस्त्री के चेहरे पर घबराहट थी। इसे भांपकर इंस्पेक्टर मोहित चौधरी ने राज मिस्त्री से कड़ाई से पूछताछ शुरू की। उससे पूछा कि दरोगा कैसे छत से गिरे तो वो पूरा घटनाक्रम नहीं बता सका। सख्ती से पूछताछ में राजमिस्त्री टूट गया। उसने कबूल किया कि उसने दो अन्य मजदूरों के साथ मिलकर दरोगा अतेंद्र की हत्या की थी। इतना सुनकर पुलिस भी सन्न रह गई। तुरंत राजमिस्त्री को हिरासत में लेकर उसके बताए दो अन्य मजदूर साथियों को भी पुलिस ने तुरंत पकड़ लिया।
इसके बाद राजमिस्त्री, ठेकेदार रवींद्र ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने दरोगा अतेंद्र से दो लाख रुपए उधार लिए थे। दरोगा के मरने पर उसकी ये देनदारी खत्म हो जाती इसलिए वो इस घटना में शामिल हुआ। वारदात में शामिल एक मजदूर ने कहा कि दरोगा मुझे बहुत डांटता था। मैं उसकी गालियों से आजिज आ गया था और बदला लेने का मन बना लिया था। इसीलिए उसकी हत्या के प्लान में शामिल हो गया। दूसरे मजदूर ने कहा कि मेरे हिस्से में दरोगा की सोने की अंगूठी और चेन आनी थी।
ठेकेदार रविंद्र ने पुलिस को बताया कि दरोगा जब 19 जनवरी को बिल्डिंग पर काम देखने आया तो हम तीनों ने पहले से ही उसे निपटाने का मन बना लिया था। दरोगा छत पर चेक करने पहुंचा तो ठेकेदार रविंद्र ने उसे लात मारी। जिससे दरोगा लुढ़कता हुआ नीचे गिरा। इसके बाद सीढ़ियों से नीचे गिरने पर मजदूरों ने दरोगा पर निर्माण में उपयोग आने वाली बल्लियों से वार किया। इसके बाद दरोगा की अंगूठी और चेन उतारकर उसके बेटे को हादसे की झूठी कहानी सुना दी।
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