Moradabad: अस्पताल में होलसेल से कहीं अधिक दाम पर बिक रहे सर्जिकल उत्पाद
"उनकी होलसेल कीमत बमुश्किल 100 रुपये होती है"
मुरादाबाद: अस्पताल में भर्ती मरीजों से सर्जिकल उत्पाद पर एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) के नाम पर कई ब्रांडेड कंपनियां खुलेआम लूट कर रही हैं. होलसेल से 15-20 गुना अधिक एमआरपी पर इनकी बिक्री हो रही है. मरीज से जिन सर्जिकल आइटम के नाम पर 800 रुपये वसूले जाते हैं, उनकी होलसेल कीमत बमुश्किल 100 रुपये होती है.
अस्पताल, क्लीनिक में डॉक्टर्स, नर्स द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले हैंड ग्लब्स पेयर की होलसेल कीमत सौ रुपये है. इसमें करीब 100 पेयर हैंड ग्लब्स निकलते हैं. लेकिन, इनकी एमआरपी एक-एक हजार रुपये तक है. स्थिति यह है कि प्रयोग के बाद इन ग्लब्स को फेंका नहीं जाता इन्हें धोकर सुखाकर फिर से प्रयोग में लाया जाता है. सर्जिकल आइटम के नाम पर मरीजों की जेब खाली करने का खेल लोकल और ब्रांडेड, दोनों तरह की कंपनियां खेल रही हैं. अधिकतर अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के साथ तीमारदार को दवा-सर्जिकल आइटम की लिस्ट थमा दी जाती है, जो वहीं के मेडिकल स्टोर से खरीदनी होती है. ऐसे में मरीजों पर हर ओर से आर्थिक मार पड़ती है.
बीमा कंपनियां नहीं देती इनकी प्रतिपूर्ति
सर्जिकल आइटम की धनराशि तीमारदारों को अपनी जेब से देनी होती है. चाहे मरीज का उपचार मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी से ही क्यों नहीं हो रहा हो. अधिकांश बीमा कंपनियां सर्जिकल आइटम की प्रतिपूर्ति नहीं देती हैं. कैशलेस इलाज के दौरान कई अस्पताल संचालक तीमारदारों को इसकी जानकारी भी दे देते हैं.
अस्पतालों में सर्जिकल आइटम की बड़ी खींचतान है. सर्जिकल आइटम की होलसेल दरों से 95 फीसदी तक एमआरपी होती है. कई बार इस पर रोक लगाने को लेकर शासन में पत्र भी लिखा जा चुका है.
-मनोज शर्मा, जिलाध्यक्ष, सर्जिकल एसोसिएशन
सर्जिकल आइटम के नाम पर मरीजों की जेब खाली करने का खेल लोकल और ब्रांडेड दोनों तरह की कंपनियां खेल रही हैं. होलसेल से 20 गुना अधिक एमआरपी पर इनकी यहां बिक्री हो रही है.
-रजनीश कौशल, महामंत्री, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन