Moradabad: राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भी डिजिटल हाजिरी का विरोध शुरू

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भी डिजिटल हाजिरी का आदेश

Update: 2024-07-30 04:09 GMT

मुरादाबाद: बेसिक के शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी के विरोध के बीच राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भी डिजिटल हाजिरी का आदेश आ गया है. ऐसे में जिले में माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों ने भी विरोध शुरू कर दिया है. माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को बिना बॉयोमीट्रिक हाजिरी लगाए वेतन नहीं मिलेगा. आदेश जारी होने के बाद से यहां पर शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि ये आदेश अव्यवहारिक है. सरकार को इस तरह का आदेश जारी करने से पहले सोचना-विचारना चाहिए. लोगों से बात की जानी चाहिए. राजकीय शिक्षक संघ ने भी आदेश को अव्यवहारिक बताया. वहीं एडेड स्कूल के शिक्षकों ने भी इसका विरोध जताया.

अब सोशल मीडिया पर शिक्षकों ने भरी हुंकार: डिजिटल हाजिरी के विरोध और मांगों के समर्थन में शिक्षक अब सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं. उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक के आह्वान पर पूरे प्रदेश के शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर बॉयकाट डिजिटल अटेंडेस हैशटैग के माध्यम से अभियान चलाया. कुछ ही समय में यह ट्रेंड करने लगा. बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक लगातार डिजिटल हाजिरी को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. काफी संख्या में पक्ष और विपक्ष दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधियों ने भी शिक्षकों के समर्थन में पत्र लिखकर डिजिटल हाजिरी के आदेश को निरस्त करने का अनुरोध कर रहे हैं. 23 को होने वाले विशाल धरने के लिए जल्द ही बीएसए को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

सरकार को बॉयोमीट्रिक की जगह पहले अन्य चीजों पर ध्यान देना चाहिए. इंटर कॉलेजों में बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रवक्ता उपलब्ध नहीं है. एलटी अध्यापक भी नहीं हैं. हाईस्कूल में दो-दो शिक्षक विद्यालय चला रहे हैं. मानव संसाधन और उसके बाद भौतिक संसाधनों की पूर्ति होने के बाद बायोमीट्रिक पर विचार करना चाहिए.

डॉ. मृडीक व्रतेश, मंडल मंत्री, राजकीय शिक्षक संघ मंडल मुरादाबाद

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