मेरठ। दिवाली के आसपास मेरठ और एनसीआर के जिलों में वायु प्रदूषण दमघोटू हो गया है। मेरठ में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि लोगों को सांस लेने में भी कठिनाई हो रही है। इस वायु प्रदूषण के चलते लोगों को गले के संक्रमण और आंखों में जलन की समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी इन दिनों सांस और दमा के मरीजों को हो रही है। वहीं बुजुर्गों ने भी इस वायु प्रदूषण के चलते सुबह और शाम को बाहर टहलना बंद कर दिया है। चिकित्सकों ने मास्क लगाने की सलाह दी है। मेरठ के अधिकांश इलाकों में वायु प्रदूषण लेवल काफी बढ़ गया है। मेरठ और गाजियाबाद देश के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की पहली और दूसरी सूची में हैं। शनिवार को भी वायु प्रदूषण से हालात खराब रहे। हालात ये हैं कि मेरठ सहित एनसीआर के अधिकांश जिलों में स्मॉग की चादर छाने लगी है। इसके चलते दूर तक अब कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। वायु प्रदूषण के चलते सफेद काली चादर ने वातावरण को ढक लिया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों ये और बढ़ेगा। इससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ग्रेप लागू किया गया है। लेकिन ये भी अब वायु प्रदूषण के आगे बेकार ही साबित हो रहा है।
मेरठ में डीजल जनरेटर, कोयले लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा है। होटल, रेस्तरां में तंदूर नहीं जलाए जा रहे हैं। इसके बाद भी हालात खतरनाक स्तर पर पहुंच गए हैं। आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण खराब स्थिति में पहुंचने के आसार हैं। एक्यूआई बेहद खराब स्तर पर पहुंच सकता है। शनिवार की शाम को गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक 279 पर था। जबकि नोएडा का एक्यूआई 280 पर पहुंच गया था।