Meerut: निगम के ठेकों की शर्तों पर अब सवाल उठने लगे

15 प्रतिशत निम्न की शर्त लगाकर सरकारी राजस्व का चूना लगाने की कोशिश

Update: 2024-07-31 04:46 GMT

मेरठ: नगर निगम में लाखों के निर्माण कार्य के टेंडर की शर्तों को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं.

पार्षद, पूर्व पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर निगम के अभियंताओं ने मनमाने तरीके से 15 प्रतिशत निम्न की शर्त लगाकर सरकारी राजस्व का चूना लगाने की कोशिश की जा रही है. उधर, नगर निगम के मुख्य अभियंता देवेन्द्र कुमार का कहना है कि ठेकेदार टेंडर 15 प्रतिशत, 20 प्रतिशत निम्न रेट डाले, लेकिन शर्त होगी कि गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी. विवाद कुछ भी नहीं है.

पार्षद संजय सैनी, पवन चौधरी ने निर्माण कार्यों के 15 प्रतिशत निम्न की शर्त पर आपत्ति दर्ज की थी. पूर्व पार्षद ललित नागदेव ने इसे सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाला बताया और कमिश्नर, नगर आयुक्त, मुख्य अभियंता से शिकायत दर्ज की. उन्होंने कहा कि टेंडर की शर्तो में 15 प्रतिशत निम्न की शर्त का कोई मतलब नहीं है.

ऐसा केवल बड़े ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. इस तरह का शर्त टेंडर नियमावली का उल्लंघन है. पूर्व नगर आयुक्त मनीष बंसल के समय भी एक बार ऐसा हुआ था. जब विरोध दर्ज कराया गया था तो इस शर्त को हटा दिया गया था. अब फिर से कुछ ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा किया जा रहा है, जो आपत्तिजनक है. नगर आयुक्त से इस मामले में पुर्नविचार का अनुरोध किया गया है ताकि नगर निगम के राजस्व का नुकसान न हो सके.

प्रो. असलम को से.रा. यात्री स्मृति कथा गौरव सम्मान: सीसीएसयू कैंपस के उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो. असलम जमशेदपुरी को उनकी कहानी ‘बड़े घर की छोटी बेटी’ के लिए ‘‘से.रा.यात्री स्मृति कथा गौरव सम्मान’ से नवाजा गया है.

गाजियाबाद स्थित सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में हुए समारोह में उक्त सम्मान दिया गया. पुरस्कार में शॉल, ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और चेक प्रदान किया गया. प्रो. जमशेदपुरी का हाल में प्रकाशित उपन्यास ‘धनौरा’ भी उर्दू जगत में सुर्खियों में है. डॉ. तनवीर अख्तर रोमानी, नियाज अख्तर, मोहम्मद अकरम, रियाज अहमद, मुश्ताक अहमद, डॉ. अख्तर आजाद, डॉ. अलका ने बधाई दी.

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