Meerut: तेंदुए ने आंगन में सो रहे बच्चे को खींचा, लाठी-डंडे लेकर ढूंढ रहे ग्रामीण

Update: 2024-09-10 07:23 GMT
Meerutमेरठ:  हस्तिनापुर क्षेत्र के गांव लतीफपुर में रविवार देर रात करीब 11 बजे ग्रामीणों ने दावा किया कि उनके गांव में तेंदुआ पहुंच गया है। ग्रामीणों ने बताया कि घर के आंगन में सो रहे दस साल के बच्चे गुरचरण को तेंदुए ने खींचने की कोशिश की। बच्चे की मां के जागने पर तेंदुआ भाग गया। हालांकि वन विभाग की टीम ने जांच के बाद कहा कि मौके से तेंदुए के पंजे के निशान नहीं मिले हैं।
लतीफपुर के कंकरखेड़ा मोहल्ले में रहने वाली सोनी कौर ने बताया कि सोमवार रात वह चारपाई पर लेटीं थीं। उनके पास ही दूसरी चारपाई पर उनका बेटा गुरचरण(10) सो रहा था। तभी एक तेंदुआ उनके घर में पहुंच गया।
तेंदुए ने पैर पकड़कर गुरचरण को खींचने की कोशिश की। गुरचरण रोने लगा तो सोनी कौर ने शोर मचा दिया। तभी तेंदुआ भाग गया और आवाज सुनकर ग्रामीण वहां पहुंच गए। कुछ ही देर में पूरे गांव में तेंदुआ आने की जानकारी हो गई और बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां एकत्रित हो गए।
इससे गांव में डर व्याप्त हो गया, वहीं आसपास के गांवों में रहने वाले ग्रामीण भी सतर्क हो गए। ग्राम प्रधान दिलदार सिंह और ग्रामीण तेंदुए को खोजने के लिए लाठी-डंडे लेकर निकल गए। देर रात तक ग्रामीण गांव में लाठी-डंडे लेकर घूमते रहे लेकिन तेंदुए का कोई अता-पता नहीं चला। कुछ लोगों ने भेड़िया होने की भी आशंका जताई।
किठौर में ट्रैप कैमरों से चलाया गया सर्च अभियान
रविवार को किठौर के गांव छुछाई-ललियाना मार्ग पर क्षेत्र के ग्रामीणों ने तेंदुए जैसा वन्य जीव और उसके शावक दिखने व एक राहगीर पर झपट्टा मारने का दावा किया था। वन विभाग की टीम ने रविवार रात को क्षेत्र में पहुंचकर तेंदुए की तलाश की। डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि सोमवार को सर्च अभियान के दौरान ट्रैप कैमरों की भी मदद ली गई।
क्षेत्र में पहले भी तेंदुआ दिखाई दे चुका है, इसलिए एहतियात के तौर पर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। वन क्षेत्राधिकारी हरज्ञान सिंह का कहना है कि ग्रामीणों किठौर क्षेत्र में तेंदुआ या उसके शावकों के पदचिन्ह नहीं मिले। हालांकि अभी भी वन विभाग की तीन टीमें बनाकर निगरानी की जा रही है।
अक्सर दिखते हैं तेंदुए और शावक
तेंदुए का परीक्षितगढ़ या किठौर क्षेत्र में दिखना कोई नई बात नहीं है। वर्ष 2022 में यहां तेंदुए का शावक मिला था, जिसे रेस्क्यू कर अन्य जिले में भिजवाया गया था। वहीं वर्ष 2023 में भी तेंदुआ यहां पूरे परिवार के साथ देखा गया था।
इस वर्ष भी यहां शावक मिला था, जिसे बाद में वन विभाग की टीम की ओर से उसकी मां से मिलाने का प्रयास किया गया और मादा तेंदुआ अपने शावक को साथ ले गई थी। इसके बाद किठौर के पास नहर पटरी पर ही तेंदुआ दिखाई दिया था। कुछ माह पूर्व ही कसेरूखेड़ा में भी तेंदुआ घनी आबादी में घुस आया था, जिसे रेस्क्यू कर जंगल में छुड़वाया गया था।
ग्रामीणों की सूचना पर टीम लतीफपुर गांव में मौके भेजी गई है। टीम ने वहां जांच की है, लेकिन वहां तेंदुए के पंजे के निशान नहीं मिले। इससे गांव में तेंदुआ आने की पुष्टि नहीं होती।- रविकांत राणा, रेंजर, वन विभाग
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