Meerut: पराली जलाने वाले किसानो को देना होगा भारी भरकम जुर्माना

प्रशासन ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की

Update: 2024-10-18 10:44 GMT

मेरठ: प्रदूषण की रोकथाम के लिए सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के पराली जलाने पर रोक के आदेश को लेकर मेरठ जिले के प्रशासन ने सख्त एहतियाती कदम उठाया है। प्रशासन ने किसानों से पराली न जलाने की अपील करते हुए कहा है। कि पत्ती पराली जलने की घटनाओं की मॉनीटरिंग भारत सरकार द्वारा सेटेलाईट के माध्यम से होती है और कोई भी घटना होती है। तो इसकी रिपोर्ट सीधे सेटेलाईट के माध्यम से जिला प्रशासन को प्राप्त होती है। और जिलाधिकारी द्वारा गठित उप जिलाधिकारी तथा थाना प्रभारी एंव सम्बन्धित अधिकारियों का सचल दस्ता तत्काल घटना स्थल पर पहुंचेगा जो शासन के निर्देशों के कम में अर्थदण्ड 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपये प्रति घटना, 02 एकड़ से 05 एकड के लिए 5000 रुपये प्रति घटना एवं 05 एकड से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 रुपये प्रति घटना तथा अन्य विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करेगा।

फसल अवशेष जलाये जाने से हो रहे प्रदूषण की रोकथाम हेतु मेरठ के उप कृषि निदेशक ने किसानों से कहा है कि विभाग द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने से हो रहे प्रदूषण की रोकथाम हेतु व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ यथासम्भव सुपर एस०एम०एस० का प्रयोग किया जाये जिससे पराली प्रबन्धन कटाई के समय ही हो जाये, सुपर एस०एम०एस० के विकल्प के रूप में अन्य फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र जैसे स्ट्रा रीपर, स्ट्रा रेक, बेलर व मलचर, पैडी स्ट्रा चाँपर, श्रव मास्टर, रोटरी स्लेशर, रिर्वसेबुल एम0बी0 प्लाऊ का भी प्रयोग का भी प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जाये, जिससे खेत में फसल अवशेष बण्डल बनाकर अन्य उपयोग में लाया जा सकें अथवा काट कर मिट्टी में मिलाया जा सके।

कम्बाईन हार्वेस्टर के संचालक की जिम्मेदारी होगी कि कटाई के दौरान उपरोक्त समस्त व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुए कटाई का कार्य करेगें। उप कृषि निदेशक के अनुसार यदि कम्बाईन स्वामी द्वारा बिना फसल अवशेष प्रबन्धन के यथा यन्त्रों एस०एम०एस०, स्ट्रा रीपर, एंव स्ट्रा रेक, आदि का उपयोग किये बिना प्रयोग किया जाता है तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। यदि कोई किसान बिना पराली को हटाये रबी की बुवाई के समय जीरो ट्रिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, हैप्पी सीडर या सुपर सीडर का प्रयोग कर सीधे बुवाई करना चाहता है या फिर डिकम्पोजर का प्रयोग कर पराली का प्रबन्धन करना चाहता है तो ऐसे किसान अनिवार्य रूप से इस आशय का घोषणापत्र सम्बन्धित उपसम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी को देखेंगे कि उसके द्वारा पराली नहीं जलायी जायेगी अपितु रबी की बुवाई के समय उक्त यन्त्रों/डीकम्पोजर का प्रयोग किया जायेगा।

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