मेरठ। मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी अंग्रेजी और हिंदी यानी 'हिंग्लिश' में एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं। अभी तक यह पढ़ाई सिर्फ अंग्रेजी भाषा में होती थी। यह अनूठी पहल करने वाला एलएलआरएम प्रदेश का पहला मेडिकल कॉलेज बन गया है।
हालांकि अंग्रेजी में प्रचलित चिकित्सा शब्दावली में परिवर्तन नहीं किया गया है। मसलन, ब्लड को रक्त, किडनी को गुर्दा और लीवर को जिगर नहीं कह रहे लेकिन स्टूडेंट्स को इससे संबंधित जानकारी अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी समझाई जा रही है।
प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार हिंदी में भी मेडिकल की पढ़ाई पर जोर दे रही है। इसके लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया है, जिसका हिस्सा वह भी हैं। यह समिति हिंदी और अंग्रेजी के मिश्रण से कोर्स तैयार करेगी।
मेडिकल कॉलेज में उन्होंने अभी से इसकी पहल कर दी है। एमबीबीएस छात्रों को द्विभाषी माध्यम से पढ़ाना शुरू कर दिया है, जो उत्तर प्रदेश में पहली बार किसी मेडिकल कॉलेज में हो रहा है। नई शिक्षा नीति भी मूल भाषा में शिक्षा पर जोर देती है।
यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. सुधीर राठी ने बताया कि पहले सभी प्रोफेसर अंग्रेजी में लेक्चर देते थे, अब एमबीबीएस के नए बैच के छात्रों के ओरिएंटेशन में हिंग्लिश का इस्तेमाल किया जा रहा है। विषय को हिंदी में भी समझाया जा रहा है, चिकित्सा शब्दावली अंग्रेजी में ही है। इसका उद्देश्य यह है कि हिंदी माध्यम के छात्र इस विषय को अच्छी तरह से समझ सकें और अंग्रेजी बोलने वाले वर्ग से पीछे न रहें।