देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) को लेकर बहस शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी और सुभासपा के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी समान नागरिक संहिता पर अपना रुख साफ कर दिया है. बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनकी पार्टी यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध में नहीं है, लेकिन इसे जबरन थोपना सही नहीं है.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समान कानून संहिता के सभी आयामों पर विचार हो. हमारा यूसीसी से विरोध नहीं है, लेकिन समान कानून लागू करने के बीजेपी मॉडल पर असहमति है. उन्होंने आगे कहा कि विशाल आबादी वाले भारत देश में सभी धर्मों के लोग रहते हैं. इनके अपने अलग-अलग रहन-सहन, खान-पान और जीवनशैली के तौर-तरीके एवं रस्म-रिवाज हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
मायावती का बड़ा बयान- बसपा यूसीसी के विरोध में नहीं, जबरन थोपना गलत
उन्होंने आगे कहा कि अगर देश में एक समान कानून लागू होता है तो इससे देश मजबूत होगा और लोगों में आपसी सद्भाव बढ़ेगा. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि संविधान की धारा 44 में यूसीसी बनाने की कोशिश तो वर्णित हैं मगर इसे थोपने का नहीं है. इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही बीजेपी को देश में UCC को लागू करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए था. हमारी पार्टी UCC को लागू करने के खिलाफ नहीं है बल्कि भाजपा और इनकी सरकार द्वारा इसे देश में लागू करने के तरीके से सहमत नहीं है.