Mathura: विरोधियों को फंसाने के लिए रची थी हत्या की साजिश

पुलिस ने जांच की तो हकीकत सामने आ गयी

Update: 2024-11-18 05:07 GMT

मथुरा: महावन पुलिस ने करीब तीन माह पूर्व हत्या की एक झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने का खुलासा किया है. बीमारी से मृत व्यक्ति के परिजनों ने विरोधियों को फंसाने के लिए उनके खिलाफ रस्सी से गला घोंट कर भाई की हत्या का आरोप लगाते हुए हुए रिपोर्ट दर्ज करायी थी. पुलिस ने जांच की तो हकीकत सामने आ गयी. पुलिस टीम ने विवेचना के बाद रिपोर्ट दर्ज कराने वालों पर मुकदमा दर्ज करते हुए मृतक के भाई समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस लाइन सभागार में एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने पत्रकारों को बताया कि दो अगस्त को नगला हरजीवन, महावन निवासी श्रीपाल की मृत्यु हुई थी. मृतक के भाई राजपाल ने महावन थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि श्रीपाल दवा लेने मनोहरपुर गया था. नगला कलावती के समीप गांव के लाला उर्फ अनिल, मुकेश, ओमी, राधे, बिल्लू, दिनेश, हरीश, गुड्डा आदि ने मारपीट कर गले में फंदा लगाकर उसकी हत्या कर दी. ऐसा करते हुए उनके छोटे भाई राजेश ने देखा था. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली थी. परिजनों ने शव थाने पर रख हंगामा कर आरोपियों को पकड़ने को दबाव बनाया था. बाद में पुलिस ने आश्वासन दे अंतिम संस्कार कराया था. एसएसपी ने बताया कि मामले की जांच की गईतो सीसीटीवी फुटेज, सर्विलांस, लोकल इंटेलीजेंस, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फोरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट, साक्ष्य और गवाहों के बयान से मिली जानकारी के आधार पर पता चला कि यह आरोप गलत था. पुलिस ने को मृतक के परिजनों को बुलाकर पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया. पुलिस ने विरोधियों को फंसाने के आरोप में षडयंत्र रचने, मृत्यु के बाद गला दबाने का निशान साफी से बनाकर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने वाले मृतक के भाई राजपाल, राजेश, दिलीप निवासीगण नगला हरजीवन, महावन व प्रवीन निवाीस गांव मदनपुरा, रिफाइनरी को गिरफ्तार कर लिया. पत्रकार वार्ता के दौरान एसपी देहात त्रिगुण बिसेन, सीओ भूषण वर्मा आदि मौजूद रहे.

घर से घटना स्थल व हॉस्पिटल तक नजर नहीं आए नामजद एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने मृतक के घर से जाने के बाद घटना स्थल और इसके बाद परिजनों के मौके पर पहुंच कर हॉस्पिटल ले जाने वाले सभी मार्गों के सीसीटीवी चेक किये. उस दिन की सर्विलांस से आरोपियों की लोकेशन भी ट्रेस की गयी तो वह इस दौरान घटनास्थल व अन्य मार्ग में कहीं भी नजर नहीं आये और ना ही उनकी लोकेशन वहां मिली. इसके बाद पुलिस ने सीएचसी के चिकित्सक के बयान लिये.

घटना का खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार इनाम एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया कि एसपी देहात त्रिगुण बिसेन, सीओ महावन भूषण वर्मा के निर्देशन में घटना का खुलासा करने वाली टीम थानाध्यक्ष महावन डेजी पवार, उप निरीक्षक संजीव कुमार, योगेश कुमार, सन्दीप कुमार यादव, स्वाट प्रभारी अभय कुमार शर्मा, सर्विलांस प्रभारी विकास शर्मा, कांस्टेबल महावन रमन कुमार, अनुज कुमार, मोहम्मद नासिर, राघवेन्द्र, स्वाट हैड कांस्टेबल स्वाट हरिजेन्द्र सिंह, अखिल प्रताप सिंह, कांस्टेबल स्वाट रमन चौधरी, प्रीत, राहुल बालियान, योगेश कुमार, आशुतोष, सुनील कुमार आदि शामिल रहे. टीम को 25हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की.

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