Mathura: विभाग ने गर्भस्थ शिशु की मौत मामले में डॉक्टर को दोषी माना

"दूसरे डॉक्टर ने मृत शिशु को सर्जरी कर निकाला"

Update: 2025-02-04 09:29 GMT

मथुरा: दुबग्गा में महिला डॉक्टर की क्लीनिक में प्रसव के दौरान गर्भस्थ की मौत और प्रसूता की बच्चेदानी फटने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. विभाग ने अपनी रिपोर्ट में डॉक्टर को दोषी माना है.

मलिहाबाद के भागेलामऊ निवासी पवन कुमार मौर्या मूल रूप से उन्नाव हसनगंज के मुंशीखेड़ा के रहने वाले हैं. पवन का आरोप है कि गर्भवती पत्नी पूजा का इलाज दुबग्गा जेहटा रोड स्थित लक्ष्मी पॉली क्लीनिक की डॉ. सुमन से चल रहा था. आरोप है कि आठ नवंबर को वह पूजा को क्लीनिक पर ले गए तो डॉ. सुमन ने सामान्य प्रसव कराने का झांसा देते हुए 50 हजार रुपये मांगे. 28 नवंबर को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन क्लीनिक ले आए. पवन का आरोप है कि महिला डॉक्टर की क्लीनिक में ओटी की सुविधा नहीं थी. फिर भी प्रसव कराने का फैसला किया. वह काफी देर तक पूजा का पेट दबाती रही. इससे पेट में बच्चा मर गया. खून निकलने लगा तो महिला डॉक्टर और परिजन घबरा गए. डॉक्टर से विरोध जताने पर अभद्रता करते धमकाया.

दूसरे डॉक्टर ने मृत शिशु को सर्जरी कर निकाला: आरोप है कि दूसरे अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने पूजा का ऑपरेशन कर गर्भ में मृत शिशु को निकाला. पवन के मुताबिक कमिश्नर से गुहार लगाई तो दुबग्गा थाने में आरोपित डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. सीएमओ कार्यालय में भी शिकायत की थी. कार्यालय ने महिला डॉक्टर से संपर्क किया तो वह अपनी डिग्री के साक्ष्य नहीं दे सकी हैं. स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम ने महिला डॉक्टर को दोषी मानते हुए अपनी रिपोर्ट थाने भेज दी है.

अस्पताल संचालक को ड्रग विभाग तलाशेगा: बीकेटी सीतापुर रोड स्थित विश्वास अस्पताल में खून चढ़ाने के दौरान गर्भवती की मौत के मामले में ड्रग विभाग एक्शन में आ गया है. इससे अस्पताल संचालक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. अस्पताल की ओर से ब्लड बैंक की जानकारी ने मिलने पर ड्रग विभाग बिना प्रमाणित खून चढ़ाने के शक में अस्पताल के विरुद्ध कार्रवाई करेगा. ड्रग विभाग के अफसरों का कहना है कि अस्पताल संचालक फरार है. अब पुलिस के साथ टीम बनाकर उसकी तलाश की जाएगी. संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

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