Lucknow: महाकुंभ में हुई भगदड़ में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा दिया जाए: अखिलेश यादव
"अखिलेश यादव ने लोकसभा में उठाया महाकुंभ हादसे का मुद्दा"
लखनऊ: संसद का बजट सत्र चल रहा है. इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में महाकुंभ हादसे को लेकर सरकार को घेरा. सपा अध्यक्ष ने कहा, महाकुंभ में मृतकों का आंकड़ा जारी किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संसद में मृतकों के लिए लिए 2 मिनट का मौन रखा जाए. दो मिनट मैं खड़े होकर कुंभ में मारे गए लोगों के लिए मौन रखुंगा. साथ ही उन्होंने कहा, सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए. अखिलेश यादव ने संसद में यूपी की योगी सरकार को घेरते हुए कहा, प्रचार किया गया कि 100 करोड़ की तैयारी हमने की हुई है, अगर सरकार मेरी बात को झूठा करार दे और बता दें कि 100 करोड़ लोगों की व्यवस्था की बात नहीं की गई थी, तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं. जहां सरकार बजट का आंकड़े दे रही है आंकड़े देने से पहले महाकुंभ में मारे गए लोगों के भी आंकड़े देने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, लेकिन उन्हें महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी देने चाहिए। मेरी मांग है कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर स्पष्टीकरण के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं। महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले। हम डबल इंजन की सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई दोष नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?’
अखिलेश यादव ने क्यों की इस्तीफा देने की बात?
अखिलेश यादव ने मांग की के महाकुंभ हादसे के जिम्मेदार लोगों पर एक्शन लिया जाए. सरकार से पूछा, आंकड़े दबाए, मिटाए और छुपाए क्यों गए हैं. सपा अध्यक्ष ने कहा, कुंभ कोई पहली बार नहीं हो रहा है, कुंभ का आयोजन सदियों से होता आया है. महाकुंभ का सरकार ने खूब प्रचार किया और हम लोग यह सुनते रहे कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है. अगर यह बात गलत है तो मैं आपको इस्तीफा देना चाहता हूं.
‘हताहतों के बारे में पता लग गया फिर भी सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर फूल बरसाए’
अखिलेश ने कहा कि जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनकी लाशें मोर्चरी और अस्पताल में पड़ी हैं, फिर भी सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर फूल बरसाए। यह कैसी सनातनी परंपरा है? भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया। कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया। सब कुछ छिपाने के लिए, सुनने में आ रहा है कि कुछ दबाव और कुछ मीठा खिलाया जा रहा है ताकि उनकी खबर बाहर न आए।
महाकुंभ को लेकर यूपी सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, हम लोगों ने महाकुंभ में देखा लोग पुण्य कमाने आए थे और अपने परविार के लोगों के शव लेकर गए, चमतकारी करिश्मा तो यह हुआ है कि श्रद्धालुओं के शव मिलने के बाद भी सरकार मरने वालों की बात स्वीकार नहीं कर रही थी. जब यह जानकारी हो गई कि कुछ लोगों की जान चली गई तो उसके बाद सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भर कर डालने का काम किया.अखिलेश यादव ने आगे कहा, न जाने कितनी चप्पले और कपड़े पड़े थे और उन सबको जेसीबी मशीन से उठाया गया. यहीं आपका महाकुंभ का आयोजन था. हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक प्रकट नहीं किया था. जब देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने शोक व्यक्त किया उस के 17 घंटे बाद इन्होंने शोक व्यक्त किया. इनका रास्ता क्या है मैं नहीं जानता हूं.