गोरखपुर न्यूज़: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर पर लगे गंभीर आरोपों की जांच में कई पेच सामने आ रहे हैं. प्रोफेसर के अलावा किसी और पक्ष का विश्वविद्यालय से सीधे जुड़ाव नहीं होना इस केस की सबसे बड़ी वजह है.
बताते हैं कि जिस युवती के साथ प्रोफेसर का नाम जोड़ा जा रहा है, वह पिछले कुछ दिनों से डीडीयू में नहीं आई है. जांच की मांग को लेकर शिकायत करने वाला भी सामने आने को तैयार नहीं है. डीडीयू द्वारा गठित जांच समिति को प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि शिकायतकर्ता के रूप में जिस मोबाइल मैकेनिक का उल्लेख है, वह काल्पनिक है. पहले डीडीयू और फिर राष्ट्रीय महिला आयोग में इसकी शिकायत सम्बंधित प्रोफेसर के करीबी द्वारा की गई है.
मोबाइल मैकेनिक की कहानी पर भी काम शिकायतकर्ता के रूप में मोबाइल मैकेनिक का उल्लेख है लेकिन इस कहानी में दम नजर नहीं आ रहा है. लेकिन एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल में कंटेंट ट्रांसफर करने और फिर उसे चिप में लोड करने के तथ्य को देखते हुए संभावित मोबाइल मैकेनिक के नाम की भी चर्चाएं हैं. माना जा रहा है कि सभी डाटा एक ही चिप में लोड करने में किसी विशेषज्ञ की मदद ली गई है. सूत्रों के मुताबिक इंटेलिजेंस की टीम इस दिशा में कार्य कर रही है.
दो युवतियों की बातों में पूरा राज सूत्रों के मुताबिक कई आडियो क्लिप में दो युवतियों और एक महिला की बात भी रिकॉर्ड है. इसमें एक युवती प्रोफेसर से अपने पुराने सम्बंधों का जिक्र कर रही है, जबकि दूसरी युवती प्रोफेसर की तरफदारी कर रही है. एक महिला से भी पहली युवती के बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग होने की चर्चा जोरों पर है.
युवती को नेपाल घुमाने ले गए थे बताते हैं कि कुछ महीने पहले प्रोफेसर ने सम्बंधित युवती को बाहर की ट्रिप भी कराई थी. चर्चा है कि नेपाल के पोखरा तक दोनों निजी वाहन से गए थे. प्रोफेसर युवती को महंगा गिफ्ट भी देते रहे हैं. प्रोफेसर का एक सात साल पुराना वीडियो लिंक इन दिनों वायरल होने लगा है. शिक्षक द्वारा इस वीडियो में अपने पड़ोसी से मारपीट की जा रही है. वह वीडियो उस समय एक समाचार चैनल पर चला था. उसे ढूंढकर वाट्सअप पर शेयर किया जा रहा है.ये भी चर्चा का विषय बना हुआ है.