Aligarh अलीगढ: जेल से छूटे हत्यारोपी किसान की हत्या में अदालत ने तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं, तीन लोगों को बरी कर दिया। सजा पाने वाले तीनों आपस में जीजा-साले हैं। एडीजे प्रथम सुभाष चंद्रा की अदालत ने तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अर्थदंड की राशि मृतक की पत्नी को देने का आदेश दिया है।
विजयगढ़ के गांव आलमपुर की ब्रजबाला ने बताया था कि 27 दिसंबर 2012 की सुबह करीब साढ़े आठ बजे उनके पति विनोद कुमार घर से खेत पर जा रहे थे। रास्ते में गणेश पुरानी रंजिश को लेकर गाली-गलौज करने लगा। इतने में गणेश के घर पर बैठे उसके साले हरीश उर्फ हरीबाबू निवासी गांव विजवानी थाना बरसाना मथुरा, बहनोई प्रेमबल्लभ पुराना डाकखाना यमुना रोड थाना बल्देव मथुरा, गणेश की पत्नी कमलेश, चाचा के बेटे तेजप्रकाश व योगेश निवासी लोधी विहार लाइसेंसी बंदूक लेकर दौड़ पड़े। विनोद ने घर में आकर जान बचाने का प्रयास किया तो फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद लाठी-डंडों से पीटा। सभी ने छत पर चढ़कर उन पर लाठी-डंडों, कुल्हाड़ी व बंदूक की बटों से हमला किया। मेडिकल कॉलेज में विनोद को मृत घोषित किया गया।
पुलिस विवेचना में उजागर हुआ कि इस घटना से डेढ़ वर्ष पहले विनोद पर गणेश के परिवार के युवक की हत्या का आरोप लगा था। जिसमें जेल जाने के बाद छह माह पहले विनोद छूटा था। मामले में गणेश, प्रेमबल्लभ, हरीश व कमलेश के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। तेजप्रकाश व योगेश के नाम निकाल दिए गए। मगर अदालत में दोनों को तलब किया गया। सत्र परीक्षण के दौरान साक्ष्यों व गवाही के आधार पर मंगलवार को गणेश, प्रेमबल्लभ व हरीश को दोषी करार दिया गया। वहीं, कमलेश, तेजप्रकाश व योगेश को बरी कर दिया। वादिया ब्रजबाला ने कहा है कि उन्होंने फांसी की मांग उठाई थी।