फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का सरगना मनीष प्रताप सिंह सेक्स रैकेट भी चलाता था, पुलिस ने दबोचा

अच्छा काम व शिक्षा दिलाने के नाम पर फंसाते

Update: 2022-02-16 08:02 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिस्ता वेबडेस्क: फर्जी मार्कशीट व सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का सरगना मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगे राम सेक्स रैकेट भी चलाता था। इसका खुलासा पुलिस ने मंगलवार को किया। पुलिस ने दो दिन पहले मांगे राम के जालसाज गिरोह का खुलासा किया था। इसी गिरोह की महिला सदस्य सेक्स रैकेट संचालित करती थी। पुलिस ने उसे मंगलवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक यह गिरोह दूसरे जिलों से किशोरियों व युवतियों को बहलाफुसलाकर लाते थे। उनको घर में बंधक बनाकर रखते थे। फिर उनसे अनैतिक कार्य करवाते थे। पुलिस ने इन दोनों गिरोह का खुलासा करने में सफल रही है। इसके पीछे पिता-पुत्र के बीच का विवाद बड़ा कारण रहा है।

डीसीपी पश्चिम सोमेन बर्मा के मुताबिक फर्जी मार्कशीट और सर्टिफि केट बनाने का काम करने वाला मनीष सिंह सेक्स रैकेट भी चलाता था। अमीनाबाद पुलिस ने मंगलवार को इसका खुलासा करते हुए मनीष की सहायक व सेक्स रैकेट की सरगना श्यामा दासी उर्फ संध्या को गिरफ्तार कर लिया। यह अपने तीन साथियों के साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों की लड़कियों को बहला फुसालकर अनैतिक काम कराती थी। मनीष के खिलाफ एक मध्यप्रदेश की किशोरी ने बंधक बनाकर 6 साल तक रेप का मुकदमा दर्ज कराया था। उसी की पड़ताल में पुलिस को इस सेक्स रैकेट की जानकारी हुई।
आधा दर्जन लड़कियों को बनाया शिकार 
डीसीपी पश्चिम सोमेन वर्मा के मुताबिक मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगेराम को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। इसेक बाद पुलिस ने उसकी कुंडली खंगालनी शुरू की। तो कई चौकाने वाले खुलासे हुए। उसका एक सेक्स रैकेट से भी संबंध सामने आया। जिसको लेकर अमीनाबाद प्रभारी निरीक्षक ब्रजेश कुमार द्विवेदी की टीम ने सेक्स रैकेट की संचालिक मध्य प्रदेश दमोह जगथर निवासी श्यामा दासी को गिरफ्तार किया। छानबीन में सामने आया है कि यह अलग अलग जिलों से आधा दर्जन से ज्यादा लड़कियों को लखनऊ लाकर गलत काम करवा रही थी।
अच्छा काम व शिक्षा दिलाने के नाम पर फंसाते 
पुलिस के मुताबिक मनीष सिंह ही सेक्स रैकेट गिरोह का संचालक है। वह गरीब घरों की लड़कियों को पढ़ाने और अच्छा काम दिलाने का लालच देकर शहर लाता था। उसके बाद दासी व उसकी तीन साथियों की मदद से अनैतिक कार्य कराता था। इस दौरान पीड़िता पुलिस के पास न पहुंच जाएं इसके लिए उन पर कड़ी निगरानी रखता था। उसके खिलाफ 13 फरवरी को एक किशोरी ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिसको मनीष छह साल पहले मध्यप्रदेश से पढ़ाने के नाम पर लाया था और उसका बंधक बनाकर शोषण कर रहा था। 
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