मेरठ न्यूज़: मोहिउद्दीनपुर शुगर मिल में लगी भीषण आग के कारण अफरातफरी मच गई। मिल के चीफ इंजीनियर ने आसमान छूती लपटों से घबरा कर जिंदगी बचाने के लिये जो रास्ता चुना उसने इंजीनियर को जिंदगी की राह की बजाय मौत के रास्ते पर धकेल दिया। देखते देखते एक योग्य इंजीनियर दुनिया से अलविदा हो गया। हादसे के शिकार मिल के चीफ इंजीनियर नरेंद्र कुशवाहा रिटायर होने के बाद मिल में संविदा पर काम कर रहे थे। मिल जीएम शीशपाल भी संविदा पर हैं। बताया गया कि पूरा मिल संविदा पर चल रहा है। मिल में खुलकर लापरवाही बरती जा रही है। मिल को चलाने में सरकार ने 80 करोड रुपया दिया था। छज्जुपुर के प्रधान जितेंद्र सिंह का कहना है कि जब तक मिल संविदा पर चलेगी तब तक किसान परेशान रहेगा। किसान नेता नरेंद्र चौधरी निवासी गून का कहना है कि मिल के जीएम घोटाले ही घोटाले कर रहे हैं जिससे किसान परेशान हैं।
ऐसे लगी टरबाइन पैनल कंट्रोल रूम में आग: प्रथम जांच में सामने आया कि टरबाइन के ऊपर रखे आयल टैंक का पाइप लीक हुआ। टैंक से टरबाइन को ही आयल की सप्लाई दी जाती है। प्रबंधक शीशपाल ने बताया कि यह आयल टरबाइन के बैरिंगों में डाला जाता था। ताकि बैरिंग जल नहीं जाए। टरबाइन आयल भी इतना गर्म हो जाता है, कि उसे ठंडा करना पड़ता है। पाइप लीकेज होने से आयल टपक कर टरबाइन पर गिरने लगा। टरबाइन से उठने वाली चिंगारी से आग लग गई, जब तक वहां काम करने वाले कर्मचारी समझ पाते, तब तक आग ने भयंकर रूप ले लिया।
मिल में गन्ने की पेराई बंद,किसान परेशान: मोहिउद्दीनपुर शुगर मिल में नौ नवंबर से गन्ने का पेराई सत्र शुरू हुआ था। शुरू होने के दो दिन बाद मोटर में फाल्ट हो गया था जिस कारण मिल पांच दिन बंद रहा था। एक पखवाड़ा बीता था कि शनिवार को मिल के पावर प्लांट के टरबाइन में आग लग गई। माना जा रहा है कि एक महिने से ज्यादा समय मिल चलने में लगेगा। इस बात को लेकर किसानों के चेहरों पर हवाइयां उड़ी हुई थी। जीएम का कहना है कि डायरेक्ट बिजली मिल जाए तो मिल चल जाएगी।
डीएम ने सुनी समस्या, कहा प्रपोजल भेजेंगे: जिलाधिकारी दीपक मीणा मोहिउद्दीनपुर शुगरमिल पहुंचे तो उन्होंने किसानों की समस्या जानी और कहा कि गन्ना मंत्री को प्रपोजल भेजेंगे कि किसानों का गन्ना दूसरी मिल में भेजने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने किसानों से कहा कि मशीनरी है फाल्ट हो गया, लेकिन किसानों को परेशान नहीं होने देगें। इस दौरान चेयरमैन शशांक चौधरी ने डीएम से मिल प्रशासन की लापरवाही बताई कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी संविदा पर हैं। इसलिए मिल में लापरवाही बरती जा रही है।
मशीन की सर्विस कागजों में रही: किसान नेता दीपक राणा का कहना है कि इस बार मिल की मशीनरियों की सर्विस नहीं हुई लापरवाही बरती गई जिस कार मिल चल नहीं पा रही। कहा कि मिल जीएम सर्विस के नाम पर कागजी कार्रवाई करते रहे। मिल क्षेत्र का किसान परेशान है, गन्ना पेमेंट भी नहीं हो सका।
इसजैक और मिल प्रशासन जिम्मेवार: गन्ना सोसाइटी के चेयरमैन शशांक चौधरी का कहना है कि गन्ना मिल की देखभाल करने वाली इसजैक कम्पनी और मिल प्रशासन आग लगने की घटना का जिम्मेदार है इसकी शिकायत गन्ना मंत्री और सीएम से की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल मेरठ में आग लगने के कारण एक अधिकारी की हुई मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। अपर मुख्य सचिव चीनी को तत्काल घटना स्थल पर जाकर आग लगने के कारणों की जांच के निर्देश दिये हैं।
नाले के पानी का भी हुआ प्रयोग: फायर ब्रिगेड को आग बुझाने के लिये नालों के पानी का प्रयोग भी करना पड़ा। आग बुझाने में लाखों लीटर पानी का इस्तेमाल किया गया। यही कारण था कि चार घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों का कहना है कि मिल का इलेक्ट्रिक सिस्टम को बचा लिया गया है। टरबाइन सेक्शन को काफी नुकसान हुआ है। लखनऊ से तकनीकी अधिकारियों की टीम आकर जांच करेगी।