लखनऊ न्यूज़: अब फेफड़े के कैंसर का पता लगाने के लिए बायोप्सी समेत दूसरी गंभीर जांच कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. खून जांच से कैंसर की पहचान हो सकेगी.
केजीएमयू पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने कैंसर जागरूकता दिवस पर पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी. डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि विभाग के शोध में फेफड़े के कैंसर की सटीक पहचान खून की जांच से मुमकिन है. यह शोध जनरल ऑफ कैंसर रिसर्च थेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित हुआ है.
इसपर अभी और शोध किया जा रहा है. इसमें डॉ. सतेन्द्र कुमार एवं एरा मेंडिकल कॉलेज की डॉ. अंजना सिंह का अहम योगदान है. इसके लिए सीटी आधारित बायोप्सी होती है. विकल्प के तौर पर खून से भी फेफड़े के कैंसर की जांच पर शोध जारी है.
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बलरामपुर अस्पताल में शिविर लगाकर लक्षण बताए
बलरामपुर अस्पताल में कैंसर जागरूकता शिविर लगा. डॉ. अभय सिंह ने मरीजों, तीमारदारों को कैंसर के लक्षण बताए. नर्सिंग स्कूल की छात्राओं को भी पोस्टर से जानकारी दी गई. एमएस डॉ. हिमांशु ने बताया कि कैंसर मरीजों के इलाज की सुविधा अस्पताल में हैं. शुरूआत में कैंसर का इलाज मुमकिन है. सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में इलाज मुफ्त है.