Lucknow : बीमारी से परेशान पत्नी ने खाया सल्फास तो पति फंदा लगाकर दी जान
Lucknow लखनऊ । राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज के मिश्री की बगिया में रहने वाली मोनिका अरोड़ा (47) ने सल्फास खाकर और पति अमित आर्य (43) ने फंदे लटकर का जान दे दी। पत्नी किडनी की बीमारी से परेशान थी। पत्नी की स्थित देखकर अमित काफी दिनों से तनाव में था। इलाज के कारण आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ रहा था।
इसके लिए एक माह पहले अपना ई-रिक्शा भी बेच दिया था। शुक्रवार सुबह पुलिस को सूचना मिली। पुलिस के मुताबिक अमित ने सल्फास खाने के बाद फंदा लगाया था। शुरूआती जांच में सामने आया कि दंपति ने बीमारी और आर्थिक तंगी के कारण खुदकुशी की।
पुलिस के मुताबिक मूलत: सीतापुर महोली का रहने वाला अमित ठाकुरगंज के मिश्री बगिया में रहता था। छह वर्ष पहले मोनिका से शादी हुई थी। मोनिका की यह दूसरी शादी थी। दोनों के बच्चे नहीं थे। मोनिका के भाई रोहित ने बताया कि शुक्रवार सुबह उन्होंने बहन और बहनोई के मोबाइल पर कई बार फोन किया पर संपर्क नहीं हो पाया।
सुबह सात बजे वह मोनिका के घर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद था। कई आवाज देने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला। पुलिस की मदद से दरवाजा तोड़कर भीतर गए तो बहन मोनिका का शव बेड पर पड़ा था। उसके मुंह से झाग निकल रहा था।
वहीं, अमित पंखे के कुंडे से रस्सी के फंदे से लटके हुए थे। इंस्पेक्टर ठाकुरगंज श्रीकांत राय के मुताबिक परिवार वालों ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है। कमरे से दो शराब की बोतल मिली हैं। जिसमें से एक बोतल खाली थी। फोरेंसिक टीम की मदद से साक्ष्य जुटाए गए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पत्नी को मृत देख पति फंदे से लटका
इंस्पेक्टर श्रीकांत राय के मुताबिक मोनिका आरोड़ा कई वर्ष से किडनी की बीमारी से परेशान थे। गुरुवार को भी वह पति के साथ डॉक्टर को दिखाने गई थी। शुरूआती जांच में लग रहा है कि बीमारी से परेशान मोनिका ने पहले सल्फास खा लिया था। उसकी हालत देख अमित ने भी सल्फास खा लिया। इसके बाद अमिन ने उसी कमरे में फंदा लगा लिया। अमित की बनियान पर सल्फास गिरा मिला है। फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो सकेगी।
कोविड में बंद हुई फैक्टरी, चलाने लगा ई-रिक्शा
पड़ोसी लक्ष्मी शंकर और सरोज ने बताया कि पहले अमित मल्लाही टोला में चाऊमीन की फैक्टरी चलाता था। वह लोग उसकी फैक्टरी में काम करते थे। कोविड में नुकसान होने पर फैक्टरी बंद हो गई। वह आर्थिक रूप से टूट गया। घर का खर्च चलाने के लिए ई-रिक्शा चलाने लगा। मोनिका की बीमारी में रुपये खर्च होने से आर्थिक संकट और गहरा गया। एक माह पहले उसने ई-रिक्शा चलाने लगा।
मकान बेचने के लिए तलाश रहा था ग्राहक
पड़ोसियों के मुताबिक अमित मकान बेचने के लिए काफी समय से ग्राहक ढूंढ़ रहा था। नाले के किनारे होने के कारण मकान बिक नहीं पा रहा था। कुछ लोगों से उन्होंने मकान गिरवी रखने के लिए भी कहा था। एक साथ घर से पति-पत्नी का शव निकला तो पड़ोसियों के आंसू निकल आए। पड़ोसी पुष्पा ने बताया कि अमित और मोनिका हंसमुख स्वभाव के थे। छह साल पहले उन्होंने घर बनवाया था। वह सभी के साथ अच्छे से रहते थे। गुरुवार शाम को अमित बाइक से कहीं से आए थे। उन्होंने हालचाल भी पूछा था।