Lucknow: आबादी के बीच घूम रहा बाघ, बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं घरों में कैद

Update: 2024-12-31 04:08 GMT
Lucknow: लखनऊ में रहमान खेड़ा के जंगल और आसपास के करीब 15 किलोमीटर के इलाके में बाघ की चहलकदमी से एक दर्जन गांवों के लोग दहशत में हैं। बाघ के खौफ से ग्रामीणों के कारोबार, खेती और बच्चों की पढ़ाई पर खासा असर पड़ा है। दिन ढलते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। गांव की गलियां सूनी हो जाती हैं और बच्चे घरों में दुबक जाते हैं। हालात ये हैं कि किसान खेतों में उगाई सब्जियां बेचने के लिए बाजार नहीं जा पा रहे हैं। सुरक्षा के अभाव में फसलें खराब हो रही हैं या आवारा जानवर फसलों को खा जा रहे हैं।
स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। किसानों, छात्रों और बुजुर्गों की दिनचर्या बदल गई है। बाघ के खौफ से सबसे ज्यादा प्रभावित मीठा नगर और बुधड़िया गांव हैं। इन गांवों में बाघ जानवरों का शिकार कर चुका है। शिकार की तलाश में उसके दोबारा आने के सबूत मिले हैं। यहां सबसे ज्यादा किसान प्रभावित हैं, जिससे फसलों की रखवाली करने में दिक्कत आ रही है।
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