Lucknow: भाजपा पार्षद दल के नगर निगम उपनेता की भूमिका पर उठाए सवाल

नगर निगम में उपनेता की भूमिका पर सवाल

Update: 2024-09-10 05:59 GMT

लखनऊ: नगर निगम में भाजपा के 56 पार्षदों का एकजुट होकर बैठक करने के विवाद और गहरा गया है. एक दिन पहले भाजपा पार्षद दल के उपनेता ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर पूछा था कि बैठक के लिए कक्ष क्यों खोला गया. सरोजनीनगर द्वितीय के पार्षद राम नरेश रावत ने भी पत्र लिखकर नगर निगम में उपनेता की भूमिका पर सवाल उठाए हैं.

पत्र में कहा गया है कि बैठक में पार्षद प्रतिनिधि के अलावा कोई नहीं था. 23 को एक पत्र में पार्षद प्रतिनिधियों को बाहरी कहकर सम्बोधित किया गया. कार्रवाई के लिए कहा गया है. पार्षद राम नरेश रावत ने लिखा है कि उनकी जानकारी के अनुसार नगर निगम, उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम के तहत दी गई धाराओं और उपधाराओं के अधीन शक्तियों से संचालित होता है. इसके अधीन महापौर-पार्षद का निर्वाचन है. इसके तहत ही कार्यकारिणी और सदस्यों सहित उपाध्यक्ष का चुनाव भी होता है. पार्षद ने पूछा है कि नगर निगम लखनऊ में लागू किस अधिनियम की धारा या उपधारा में दलीय नेता, उपनेता पार्षद दल बनाये जाने की व्यवस्था है. किस अधिनियम की धारा या उपधारा में दलीय नेता, उपनेता को सदन की कार्रवाई में नगर निगम से अलग से विशेष व्यवस्था दी जाती है. क्या उनको पार्षदगणों से अलग कोई विशेष अधिकार है.

महापौर ने बुलाई बैठक: महापौर सुषमा खर्कवाल ने पार्षदों की बैठक बुलाई है. इस बैठक को भी पार्षदों की गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं, महापौर ने कहा कि नगर निगम के सदन से पहले हमेशा एक बैठक बुलाई जाती है. इस बैठक में सिर्फ पार्षद रहते हैं, उनके प्रतिनिधियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है.

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