Lucknow लखनऊ : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में रोजाना 400 लोग सड़क हादसे में अपनी जान गवां देते हैं। यह आंकड़े चिंताजनक एवं भयावह हैं। ये बातें पीजीआई के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कही। वह सड़क सुरक्षा जागरुकता पखवाड़े के तहत शनिवार को एपेक्स ट्रॉमा में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में जानकारी साझा कर रहे थे। एटीसी के अपर चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आर. हर्षवर्द्धन ने बताया कि स्कूलों में शुरुआत से ही बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के साथ ही इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
पुलिस से डरकर नहीं, जीवन रक्षा के लिए पहनें हेलमेट
न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अवधेश कुमार जायसवाल ने बताया कि सड़क हादसों में सबसे अधिक मौतें सिर में चोट लगने से होती हैं। ऐसे में लोगों को इस बात पर हमेशा ध्यान देना चाहिए कि वह उच्च गुणवत्ता वाले हेलमेट को स्ट्रिप लगाकर पहनें। हेलमेट को पुलिस या चालान से बचने के लिए न पहनें।
जल्दबाजी में वाहन चालने से बचें
डॉक्टरों ने कहा कि लोगों को समय प्रबंधन का विशेष ध्यान देना चाहिए। जल्दबाजी में वाहन नहीं चलाना चाहिए। प्रयास यह करना चाहिए कि घर से ऑफिस या किसी दूसरी जगह जाने पर समय से 15 से 20 मिनट पहले ही निकलना चाहिए। इससे दुर्घटना होने का खतरा काफी कम रहेगा। इस मौके पर न्यूरो सर्जरी के डॉ. कमलेश सिंह भैसोरा, डॉ. अक्षय पाटीदार, डॉ. वेद प्रकाश मौर्य व एटीसी लैब मेडिसिन विभाग की डॉ. अवले रूपाली भालचंद्र ने मौजूद लोगों से सड़क सुरक्षा से जुड़े सवाल पूछे। सही जवाब देने वालों को पुरस्कृत किया गया।